देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब जेब ढीली करने की तैयारी कर लेनी चाहिए, क्योंकि जिन बंगलों में वो सालों तक रहे, अब उन्हें उन बंगलों का किराया भरना होगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को तगड़ा झटका देते हुए, उनसे बंगलों का किराया वसूले जाने के फैसले को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने कहा कि केवल बंगले ही नहीं जो सुविधाएं मुख्यमंत्रियों ने ली हैं, उनका भुगतान भी बाजार भाव से करना होगा। कुल मिलाकर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री बकाये रकम के भुगतान से बच नहीं सकेंगे। इस वक्त उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर करोड़ों रुपये बकाया हैं। चलिए आपको ये भी बताते हैं कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर राज्य संपत्ति विभाग के कितने रुपये बकाया हैं। सबसे पहले बात करते हैं भगत सिंह कोश्यारी की, जिन पर 47.57 लाख रुपये बकाया हैं। इसी तरह बीसी खंडूड़ी पर भी 46.59 लाख रुपये बकाया हैं। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को भी बंगलों के किराये के तौर पर 40.95 लाख रुपये भरने हैं, विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख रुपये बकाया हैं। बकायेदारों में सबसे ऊपर दिवंगत एनडी तिवारी का नाम है, जिन पर 1 करोड़ 13 लाख रुपये बकाया हैं।
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बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार भाव से बंगलों और अन्य सुविधाओं का किराया वसूलने के आदेश दिए थे। जैसे ही आदेश जारी हुआ पूर्व मुख्यमंत्रियों की मुश्किलें बढ़ने लगीं। तब पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट मे पुनर्विचार याचिका लगाई, पर फैसला उनके हक में नहीं आया। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगलों के किराये के साथ ही सुविधाएं के एवज मे भुगतान करना ही होगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने 5 जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रखा था। आज इस मामले में फैसला सुना दिया गया। हालांकि चर्चा ये भी है कि प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने की तैयारी कर रही है। अध्यादेश के जरिए प्रदेश सरकार नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को पलट देगी। जिसके बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का बकाया किराया माफ कर दिया जाएगा।