उत्तराखंड Vibhuti Dhoundiyal Shaurya Chakra

उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल, शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र

उत्तराखंड के लाल ने वतन के लिए कुर्बानी दी थी। अब इस वीर सपूत को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा रहा है।

उत्तराखंड न्यूज: Vibhuti Dhoundiyal Shaurya Chakra
Image: Vibhuti Dhoundiyal Shaurya Chakra (Source: Social Media)

: उत्तराखंड के वीर सपूतों ने हमेशा आगे रहकर और आगे बढ़कर देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान की है। देश की रक्षा के लिए ये जांबाज कभी पीछे नहीं हटते और इन्हीं की वजह से देवभूमि हर बार गौरवान्वित हुई है। वीरता और अदम्य शौर्य की एक कहानी मेजर विभूति ढौंडियाल भी लिख गए थे। शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल को मरणोपरांत शौर्य से स्ममानित किया जाएगा। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। इसी साल फरवरी का महीना था। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों की घुसपैठ हो रही थी। सेना की राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी को इस बात की खबर मिल गई थी। इसके तुरंत बाद मेजर विभूति के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी आतंकियों का खात्मा करने के लिए निकल गई थी। 18 फरवरी, 2019 को टीवी पर दिन भर एक ऑपरेशन की बात चल रही थी। ये ऑपरेशन पुलवामा के पिंगलिना गांव में चल रहा था। इसमें 100 घंटे के भीतर ही पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाज़ी रशीद को ढेर कर दिया गया। इस ऑपरेशन के असली हीरो थे मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल।

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मेजर विभूति ही इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। लेकिन ये हीरो खुद को नहीं बचा सका, मेजर विभूति के साथ ही सेना के 4 और जवान शहीद हुए। मेजर विभूति 17 सितंबर 2011 को कमीशन पास करके भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। वे 55 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई सेंट जोसेफ़ स्कूल, देहरादून से की और आर्मी जॉइन करने से पहले DAV कॉलेज से B.Sc पूरी की थी। मेजर विभूति का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के ढौंड गांव से है, अब उनका परिवार देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग में रह रहा है। उनके दादा 1952 में देहरादून आ गए थे। 34 वर्षीय मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्‍ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बीते साल अप्रैल में उनकी शादी कश्मीरी पंडित निकीता कौल से हुई थी। पिताजी स्व ओमप्रकाश ढौंडियाल कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे। 2012 में उनका निधन हो गया था।