उत्तराखंड देहरादूनSnowfall continues in the high Himalayan peaks in Uttarakhand

उत्तराखंड में बारिश से राहत नहीं, अगले 12 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी

बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाने के साथ-साथ सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ाया है, बारिश से बंद सड़कें खोलने में अब तक करोड़ों खर्च हो चुके हैं....

Uttarakhand: Snowfall continues in the high Himalayan peaks in Uttarakhand
Image: Snowfall continues in the high Himalayan peaks in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: मानसून विदा लेने वाला है, लेकिन उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी का सिलसिला थम नहीं रहा। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी का दौर जारी है। निचले इलाकों में बारिश हो रही है, जिससे ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल बारिश से राहत नहीं मिलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 12 घंटे मे भारी बारिश की चेतावनी दी है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है। कई जगह भूस्खलन हुआ है। सोमवार को बदरीनाथ के पास मलबा आने से हाईवे फिर बंद हो गया। तीन हजार से ज्यादा यात्री रास्ते में फंसे हैं। उन्हें अलग-अलग पड़ावों पर रोका गया है। देहरादून में भी बारिश का दौर जारी है। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आई है, ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 12 घंटे में देहरादून और हरिद्वार में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

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अब बात करते हैं चारधाम की, जहां मौसम का मिजाज तल्ख बना हुआ है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में सोमवार से बारिश हो रही है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास बंद है। पहाड़ी से मलबा गिरने की वजह से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो रही। रास्ते में फंसे तीन हजार यात्रियों को बदरीनाथ, पांडुकेश्वर और जोशीमठ में ठहराया गया है। केदारनाथ में भी यही हाल है, मौसम खराब होने की वजह से हेली सेवाओं का संचालन नहीं हो रहा। सोमवार को सिर्फ तीन उड़ानें ही संचालित की जा सकीं। मौसम खराब होने की वजह से यात्रियों की संख्या में भी गिरावट आई है। कुमाऊं में भी हालात खराब हैं। यहां पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड दो घंटे तक बंद रही रही। जबकि टनकपुर-चंपावत मार्ग 4 घंटे के लिए बंद रहा। बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाने के साथ-साथ सरकार को भी आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया है। बारिश से प्रदेश की सड़कों और पुलों को 198 करोड़ 69 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस सीजन में बारिश से 1788 सड़कें और 23 पुलों को नुकसान भारी पहुंचा। चमोली, देहरादून के चकराता, उत्तरकाशी के मोरी और कुमाऊं के कुछ इलाकों में बारिश से सड़कें ढह गईं, पुलों को भी नुकसान हुआ। गढ़वाल क्षेत्र में 168 करोड़ और कुमाऊं मंडल में 30 करोड़ का नुकसान हुआ है। आपदा से बंद हुई सड़कों को खोलने पर विभाग पांच करोड़ 62 लाख रुपये खर्च कर चुका है। प्रदेश की 52 सड़कें अब भी बंद हैं, जिन्हें खोलने का काम जारी है।

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