उत्तराखंड देहरादूनWater logging in the way to boating point in tehri

टिहरी झील में बोटिंग करने वालों की जान खतरे में, झील का जलस्तर बढ़ने से हो रही परेशानी

टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से बोटिंग प्वाइंट तक जाने वाला रास्ता पानी में डूब गया है, पर्यटकों को बोटिंग प्वाइंट तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है...

Tehri Garhwal: Water logging in the way to boating point in tehri
Image: Water logging in the way to boating point in tehri (Source: Social Media)

देहरादून: टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन ये कोशिशें तब तक कामयाब नहीं होंगी, जब तक पर्यटकों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जाएंगे। पर्यटन के क्षेत्र में टिहरी झील अपनी अलग पहचान बना चुकी है। यहां वॉटर स्पोर्ट्स और बोटिंग होती है, जिसका लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक दूर-दूर से टिहरी झील पहुंचते हैं। इन दिनों टिहरी आने वाले पर्यटक परेशान हैं, क्योंकि टिहरी झील का जलस्तर बढ़ गया है, जिस वजह से बोटिंग प्वाइंट तक जाने वाला रास्ता पानी में डूब गया है। वॉटर स्पोर्ट्स के शौकिनों को अपनी जान खतरे में डालनी पड़ती है, तब कहीं जाकर वो बोटिंग प्वाइंट तक पहुंच पाते हैं। टिहरी झील 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। बोटिंग शुरू होने के बाद ये जगह वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकिनों की पसंदीदा जगह बन गई।

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पर्यटक दूर-दूर से टिहरी आते हैं, झील में बोटिंग के साथ-साथ जेट स्की, बनाना राइड, पैरासेलिंग, स्कीइंग और दूसरे वॉटर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठाते हैं, पर इन दिनों ये स्पोर्ट्स मजा कम सजा ज्यादा बने हुए हैं। क्योंकि झील तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। झील का जलस्तर बढ़ने से बोटिंग प्वाइंट तक जाने वाला रास्ता पानी में डूब गया है। पर्यटक लकड़ी के फट्टों और बेंच के जरिए बोट तक पहुंचते हैं। ये तरीका कतई सुरक्षित नहीं है, और कई बार तो पर्यटकों की जान जाते-जाते बची है। हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा। बोट संचालकों ने कहा कि टाडा उनसे हर साल 60 हजार रुपये वसूलता है, हर टिकट पर 15 रुपये का कमीशन भी लेता है, पर सुविधाओं के नाम पर कोई इंतजाम नहीं किए गए। बोट संचालकों ने टाडा से अतिरिक्त जेट बोट्स की मांग भी की थी, लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। टाडा और प्रशासन की ये लापरवाही कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है।