उत्तराखंड देहरादूनSunita rawat of Dehradun will get Florence nightingale award-2019

उत्तराखंड की नर्स सुनीता रावत को मिलेगा प्रतिष्ठित फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार, राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

वरिष्ठ नर्स सुनीता रावत को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार के लिए चुना गया है, आप भी उन्हें बधाई दें...

Florence nightingale award-2019: Sunita rawat of Dehradun will get Florence nightingale award-2019
Image: Sunita rawat of Dehradun will get Florence nightingale award-2019 (Source: Social Media)

देहरादून: फ्लोरेंस नाइटेंगल...जिन्हें आधुनिक नर्सिंग आंदोलन का जन्मदाता माना जाता है, उनके नाम पर दिया जाने वाला राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार इस बार उत्तराखंड की वरिष्ठ नर्स सुनीता रावत को मिलेगा। उत्तराखंड के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार जन स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है। इस साल पुरस्कार के लिए वरिष्ठ नर्स सुनीता रावत गोयल का चयन हुआ है। सुनीता रावत गोयल राजकीय गांधी शताब्दी विज्ञान केंद्र अस्पताल में कार्यरत हैं। दिसंबर के पहले हफ्ते में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुनीता रावत को ये पुरस्कार प्रदान करेंगे। चलिए अब आपको उस प्रोसेस के बारे में बताते हैं, जिसके जरिए पुरस्कार के लिए आवेदकों का चयन किया जाता है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पहले अस्पताल स्तर पर, फिर मुख्य चिकित्साधिकारी स्तर पर आवेदनों की छंटनी होती है। बाद में स्वास्थ्य महानिदेशालय और फिर शासन स्तर पर आवेदन चुने जाते हैं। जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए स्वास्थ्यकर्मी का चयन किया जाता है

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वरिष्ठ नर्स सुनीता रावत के काम की तारीफ डॉक्टर भी करते हैं।। वो राजकीय गांधी शताब्दी विज्ञान केंद्र अस्पताल के नेत्र विभाग और स्त्री रोग विभाग में अच्छा काम कर रही हैं। सरकारी सेवाओं में रहते उन्हें 20 साल हो चुके हैं। वो दून अस्पताल के साथ-साथ कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। उनकी देखरेख में दो हजार शिशुओं का जन्म और लगभग 5 हजार मरीजों के आंखों के ऑपरेशन हो चुके हैं। सुनीता का मायका अल्मोड़ा के रानीखेत में है, जबकि ससुराल देहरादून में। दिसंबर में राष्ट्रपति भवन में सुनीता रावत को सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के तौर पर उन्हें 50 हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और मेडल मिलेगा। आपको बता दें कि जन स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 35 कर्मियों को हर साल राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरस्कार मिलता है। जिनमें 12 एनएम, 20 नर्स और तीन हेल्थ वर्कर शामिल होते हैं।