उत्तराखंड देहरादूनadministration fails to ban illegal hookah bars

देहरादून में बेधड़क चल रहे अय्याशी के अड्डे, नशे और जिस्म के जाल में फंस रहे हैं युवा

डीएम ने हुक्का बार के संचालन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं, इसके बावजूद हुक्का बार को बंद कराने के लिए प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की...

banned hookah bars: administration fails to ban illegal hookah bars
Image: administration fails to ban illegal hookah bars (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून में तेजी से पनप रहा हुक्का बार कल्चर युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। राजधानी के हुक्का बार अय्याशी का अड्डा बन गए हैं, जहां युवाओं को हेरोइन, अफीम गांजा और चरस तक उपलब्ध कराया जाता है। हुक्का बार आने वाले लोगों में सबसे ज्यादा तादाद किशोरों की है, जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं। 7 साल पहले सरकार ने राज्य में हुक्का बार के संचालन पर रोक लगा दी थी, इसके बावजूद इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम, पुलिस और प्रशासन भी खामोशी से युवा पीढ़ी को धुआं-धुआं होते देख रहा है। साल 2012 में पुलिस ने राजपुर में तीन हुक्का बार के खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन हुक्का बार फिर खुल गए। हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2013 में शहर में छापे के दौरान हुक्का बार में पकड़े गए ग्राहक 12वीं से कम कक्षा में पढ़ने वाले छात्र निकले।

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उस वक्त 10 हुक्का बार के खिलाफ हुई कार्रवाई में 113 लोग पकड़े गए थे, जिनमें 91 स्कूली बच्चे थे। राजपुर, जाखन, रेसकोर्स, जीएमएस रोड, वसंत विहार, कौलागढ़, पटेलनगर, सुभाष नगर, टर्नर रोड, प्रेमनगर, कनक चौक, राजा रोड और प्रिंस चौक में हुक्का बार चल रहे हैं। ये नशा, जुआ और सट्टे के अड्डे भी बने हुए हैं। हुक्का बार के संचालक रसूखवाले हैं, इसीलिए इनके खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई करने से डरती है। कानून भी इनके खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट के अंतर्गत इनका केवल 200 रुपए का चालान ही किया जा सकता है। आपको बता दें कि बीते 25 नवंबर को जिलाधिकारी ने दून में हुक्का बारों पर पाबंदी लगाने के आदेश दिए थे, पर आदेश जारी होने के दस दिन बाद भी अधिकारी हुक्का बार संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने से डर रहे हैं। वहीं एसएसपी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि हमें जहां भी हुक्का बार संचालित होने की शिकायत मिलती है, हम कार्रवाई करते हैं, इस पर प्रतिबंध की जिम्मेदारी प्रशासन की है, पुलिस एक्ट के अंतर्गत सिर्फ चालान की कार्रवाई ही कर सकती है।