उत्तराखंड चमोलीCHAMOLI DM SWATI S BHADAURIYA GOOD WORK SCIENCE PARK

चमोली जिले की DM स्वाति का शानदार काम, स्कूली बच्चों को जल्द मिलेगा पहला सांइंस पार्क

DM चमोली स्वाति की पहल से जल्द मिलेगा जिले में स्कूली बच्चो को पहला साइंस पार्क..जानिए इसकी खास बातें

चमोली: CHAMOLI DM SWATI S BHADAURIYA GOOD WORK SCIENCE PARK
Image: CHAMOLI DM SWATI S BHADAURIYA GOOD WORK SCIENCE PARK (Source: Social Media)

चमोली: स्कूली बच्चे जिन बातों को किताबों में पढ़कर कल्पनाएं विकसित करते है, उन्हें अब चमोली जिले के कोठियालसैंण में लगभग तैयार हो चुके साइंस पार्क में देखा जा सकता है। यहाॅ पर आने वाला हर शख्स विशेषकर स्कूली बच्चें विज्ञान को व्यवहारिक तौर पर समझ सकेंगे। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की खास पहल पर अम्बेडकर भवन कोठियालसैंण में साइंस पार्क बनकर लगभग तैयार हो चुका है और शीघ्र ही इसके संचालन से स्कूली बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कोठियालसैंण में साइंस पार्क एवं राजकीय उद्यान का भ्रमण कर निर्माण कार्यो का जायजा लिया। उन्होंने कार्यदायी संस्था को 10 फरवरी तक साइंस पार्क के अवशेष निर्माण कार्यो को पूरा करते हुए स्कूली बच्चों के लिए साइंस उपकरणों की प्रदर्शनी का संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के प्रयासों से यहाॅ पर बिरला साइंस म्यूजियम हैदराबाद से विज्ञान के सिद्धातों को समझाने के लिए 22 साइंस उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी और स्कूली बच्चों को साइंस पार्क का शैक्षिक भ्रमण भी कराया जाएगा। ताकि बच्चों को पेंडुलम, रिफलेक्शन, गुरूत्वाकर्षण आदि वैज्ञानिक सिद्वान्तों को व्यवहारिक तौर पर समझने में मदद मिल सके। यही नही यहाॅ पर बच्चे खुद बैठकर इनोवेशन भी कर सकेंगे। जिलाधिकारी ने साइंस पार्क में रैलिंग, वाॅलपेंन्टिग, प्रवेश द्वार आदि अवशेष निर्माण कार्यो को शीघ्र पूरा करने और इसी शिक्षा सत्र में फरवरी से साइंस पार्क का संचालन शुरू कराने के निर्देश दिए। निश्चित रूप से आने वाले समय में यह साइंस पार्क स्कूली बच्चों को वैज्ञानिक सिद्वांतों को समझाने में वरदान साबित होगा।

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वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी ने राजकीय उद्यान कोठियासैंण का निरीक्षण कर पाॅलीहाउस एवं नर्सरी में तैयार किए जा रहे पौधों के बारे में भी जानकारी ली। इस उद्यान में पर्याप्त भूमि एवं हाॅर्टीटूरिज्म की भरपूर सम्भावना को देखते हुए जिलाधिकारी ने उद्यान को और विकसित करने के लिए विस्तृत रूप से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश डीएचओ को दिए। कहा कि उद्यान में उगाई जा रही विभिन्न प्रजातियों के फल, फूल, सब्जी आदि के बारे में साइनबोर्ड बनाकर जानकारी प्रदर्शित करें, ताकि उद्यान का भ्रमण करने वाले हर किसान, काश्तकार, विद्यार्थियों एवं पर्यटकों को यहाॅ पर तैयार की जा रही विभिन्न प्रजातियों के बारे में असानी से जानकारी मिल सके। जिलाधिकारी ने उद्यान में टयूलिप फ्लावर उगाने हेतु क्षेत्रफल को बढाने, काश्तकारों को प्रशिक्षण देने के लिए भूमि चिन्हित करने, निर्माणाधीन चबूतरे में कैनोपी बनाकर प्रजातियों की जानकारी के लिए साइनबोर्ड लगाने, उद्यान का सौन्दर्यीकरण व सोलर लाईट की व्यवस्था करने, पौधों के संरक्षण के लिए माली रखने तथा समय समय पर काश्तकारों एवं विद्यार्थियों का भ्रमण कराने और उद्यान को हाॅर्टीटूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने निर्देश दिए। इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी ने अवगत कराया कि 2.74 हैक्टियर में फैले कोठियासैंण राजकीय उद्यान में पिकन नेट (नट फ्रूट) के पांच हजार व अमेश के दो हजार पौध तैयार किए जा रहे है। इसके अलावा अच्छी प्रजाति के गेंदा व टयूलिप फ्लावर की नर्सरी भी तैयार की गई है। साथ ही दो नाली भूमि पर राई बीज तैयार किया जा रहा है। इस दौरान आरडब्लूडी के अधिशासी अभियंता लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, सहायक परियोजना निदेशक सुमन बिष्ट एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।