उत्तराखंड देहरादूनCase against 22 mla in Uttarakhand source adr

उत्तराखंड में 22 विधायकों पर आपराधिक केस, ADR की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

उत्तराखंड में 22 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं, इनमें से 17 विधायक बीजेपी से जुड़े हैं। जिन विधायकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं, उनमें बीजेपी के 4 कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं, ये खुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ...

Uttarakhand ADR report: Case against 22 mla in Uttarakhand source adr
Image: Case against 22 mla in Uttarakhand source adr (Source: Social Media)

देहरादून: 21 अगस्त 2018...सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में अपराधीकरण को ‘सड़ांध’ बताया था। साथ ही कहा था कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों से उसके सदस्यों पर दर्ज आपराधिक मामलों का खुलासा करने के लिए निर्देश देने पर विचार कर सकता है। ताकि मतदाताओं को भी पता चल सके कि दलों में कैसे कथित अपराधी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी उन जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की थी, जिनमें अपराधियों को चुनावी राजनीति में आने की इजाजत ना देने की मांग की गई थी। शुक्रवार को ऐसी ही एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया। जिसमें कहा गया कि राजनीतिक दलों को चुनाव से पहले आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार के चयन की वजह बतानी होगी। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उत्तराखंड के कई दिग्गज राजनीतिज्ञों के गले की फांस बन सकता है क्योंकि ADR की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड विधानसभा में इस वक्त ऐसे 22 विधायक हैं, जिन पर आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें से चार तो कैबिनेट मंत्री भी हैं। अमर उजाला के मुताबिक गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि एडीआर के आंकड़े बताते हैं कि पिछले चुनावों में बीजेपी, कांग्रेस और दूसरे सियासी दलों ने ऐसे चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा, जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज थे। साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग को दी गई जानकारी में सबसे ज्यादा एक दर्जन आपराधिक केस अरविंद पांडेय के खिलाफ दर्ज थे। जो कि विद्यालयी शिक्षा मंत्री हैं। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि साल 2012 से 2017 के चुनाव में उत्तराखंड में दागी प्रत्याशियों की संख्या दोगुनी हो गई। आगे जानिए

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2012 के विधानसभा चुनाव में 28 दागी प्रत्याशी मैदान में थे, 2017 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या बढ़कर 54 हो गई। हालांकि यूपी, पंजाब और बिहार जैसे प्रदेशों से तुलना करें तो उत्तराखंड के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामले बहुत गंभीर प्रकृति वाले नहीं हैं। किसी सक्षम कोर्ट के समक्ष अपराध भी सिद्ध नहीं हो पाया। चलिए अब आपको ये बताते हैं कि किस विधायक के खिलाफ कितने केस दर्ज हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 22 दागी विधायकों में बीजेपी के अरविंद पांडेय टॉप पर हैं। इन पर एक दर्जन केस दर्ज हैं, जिनमें तोड़फोड़ करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने के अलावा मर्डर का मुकदमा भी शामिल है। 2017 के चुनाव में जिन 22 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं, उनमें 17 विधायक बीजेपी से जुड़े हैं। जिन विधायकों के खिलाफ 3 से ज्यादा केस दर्ज हैं, उनमें अरविंद पांडेय, देशराज कर्णवाल, सहदेव सिंह पुंडीर और पूरन सिंह फर्त्याल शामिल हैं। दो आपराधिक केस वाले विधायकों में मदन कौशिक, डॉ. हरक सिंह रावत, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदीप बत्रा का नाम शामिल है। जबकि धन सिंह नेगी, सुबोध उनियाल, आदेश सिंह, गोपाल सिंह रावत, मनोज रावत, नवीन चंद्र दुम्का, प्रीतम सिंह, राजकुमार, राजकुमार ठुकराल, विनोद चमोली, बिशन सिंह चुफाल, यतीश्वरानंद और राम सिंह कैड़ा के खिलाफ एक-एक केस दर्ज है। ऐसे में उत्तराखंड की चुनावी सियासत के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय अहम माना जा रहा है। इस बारे में बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र सिंह भसीन ने अमर उजाला से कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। राजनीतिक शुचिता हमारी पार्टी के एजेंडे में सबसे ऊपर है। पार्टी खुद चाहती है कि अपराधी राजनीति में ना आएं। बीजेपी राजनीतिक के अपराधीकरण के बिल्कुल खिलाफ है।