उत्तराखंड ऋषिकेशnarendra singh negi performance with american musicians

गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी और अमेरिकी कलाकारों की बीच शानदार जुगलबंदी...देखिए ये वीडियो

ऋषिकेश में हो रहे कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi Video) विदेशी कलाकारों के साथ जुगलबंदी करके दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने दिल खोल कर हमारे विदेशी मेहमानों का स्वागत किया और उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़े गीत भी गाये।

नरेंद्र सिंह नेगी: narendra singh negi performance with american musicians
Image: narendra singh negi performance with american musicians (Source: Social Media)

ऋषिकेश: गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi) का जादू आज भी उत्तराखंड के लोगों के बीच कायम है। नेगी दा उत्तराखंड के सबसे चर्चित नामों में से एक हैं। बीते गुरुवार को ऋषिकेश में स्थित बीटल्स आश्रम के नाम से लोकप्रिय चौरासी कुटिया गुरुवार को तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। सुरों के सम्राट नरेंद्र सिंह नेगी जैसे ही स्टेज पर चढ़े उनको चाहने वालों ने जोरो शोरों से उनका स्वागत किया। वही जब अमेरिका के लोक कलाकार ब्लू ग्रास जर्नी मैन ने हमारे नेगी दा के साथ जुगलबंदी करी तब माहौल खुशनुमा हो गया। अमेरिका से आए कलाकारों की टोली ने एक के बाद एक गीत प्रस्तुत किये और पूरा माहौल संगीत में रम गया। अमेरिका के कलाकारों ने बीटल्स बंधुओं के गीत भी बेहद शानदार तरीके से प्रस्तुत किये। जुगलबंदी के लिए जैसे ही नेगी जी मंच पर पहुँचे तो अमेरिकी कलाकारों ने संगीत की धुन के साथ उनका शानदार तरीके से स्वागत किया। वहाँ बैठे दर्शकों ने भी खूब आनन्द लूटा। नेगी दा ने भी उत्तराखंड पहुँचे हमारे मेहमानों का स्वागत किया। आगे देखिए वीडियो

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तत्पश्चात नेगी दा (Narendra Singh Negi Ji) ने उत्तराखंड की संस्कृति और रीति-रिवाजों को दर्शाने वाले गीत गाने आरम्भ किये। उत्तराखंड के लोगों के द्वारा पूजे जाने वाले देवी-देवताओं, उत्तराखंड राज्य की मान्यताओं और उसकी सुंदरता का बखान करते नेगी दा के गीतों ने सब लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 'धरती हमारा गढ़वाल की, पंच बद्री, पंच केदार, पंच केदार इखी छन' की प्रस्तुति नेगी दा ने दी। कमाल की बात रही कि इस गीत पर न अमेरिकी कलाकारों ने न केवल बखूबी तरह से संगीत दिया, बल्कि उन्होंने नेगी दा के साथ गुनगुनाया भी। उत्तराखंड संस्कृति के प्रति हमारे मेहमानों का प्रेम देख कर हर कोई भाव-विभोर हो गया। इस तरह का कार्यक्रम उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार हो रहा है। दरअसल यह गीत-संगीत का कार्यक्रम का आयोजन अमेरिका की लोक संस्कृति को प्रमोट करने के लिए करवाया है। वह बेहद गौरवशाली पल था जब वहाँ के कलाकारों ने पहाड़ों के लोक-संगीत को एक अविस्मरणीय रूप में प्रस्तुत किया। इस आयोजन को करवाने का सबसे अधिक श्रेय राजू गुसाईं जी को जाता है। वे एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और विलुप्त होती लोक कलाओं को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाने का कार्य करते हैं। उनकी तारीफ़ के पुल अमेरिका दूतावास से लेकर कलाकारों के बीच, हर जगह बांधे जा चुके हैं। इस आयोजन से अमेरिका में उत्तराखंड की संस्कृति और मान्यताओं के बारे में सन्देश पहुँचेगा और वहां के लोगों को पहाड़ों की संस्कृति को और विस्तार से जान पाएंगे।

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