उत्तराखंड टिहरी गढ़वालAll weather road uttarakhand rishikesh devprayag highway will close

ऑल वेदर रोड: 31 मार्च तक बंद रहेगा ऋषिकेश-देवप्रयाग हाईवे, इस रूट से चलेंगे वाहन

ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट (All weather road uttarakhand) के तहत कौड़ियाला से देवप्रयाग के बीच पहाड़ कटान का काम होना है, जिसके लिए 22 से 31 मार्च तक हाईवे को बंद रखा जाएगा। गाड़ियों के लिए नया रूट भी जारी किया गया है...

All weather road uttarakhand: All weather road uttarakhand rishikesh devprayag highway will close
Image: All weather road uttarakhand rishikesh devprayag highway will close (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: गढ़वाल क्षेत्र की यात्रा करने वालों के लिए जरूरी खबर है। 22 मार्च से 31 मार्च तक एनएच-58 पर ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। क्षेत्र में ऑलवेदर रोड (All weather road uttarakhand) काम चल रहा है। जिसके लिए कौड़िया से देवप्रयाग के बीच पहाड़ी का कटान होना है। कटान के दौरान हादसे की आशंका बनी रहती है, इसलिए इस रूट पर गाड़ियों की आवाजाही बंद रखने का फैसला हुआ है। ऋषिकेश-देवप्रयाग के बीच गाड़ियां नहीं चलेंगी तो वाहन चालक गंतव्य तक कैसे जाएंगे, ये भी आपको बताते हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। पहाड़ कटान के काम को देखते हुए 31 मार्च तक के लिए रास्ते की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। 22 से 31 मार्च के दौरान छोटे वाहन देवप्रयाग-खाड़ी होते हुए ऋषिकेश जाएंगे, जबकि बड़े वाहनों को मलेथा-पीपलडाली-कोटी कॉलोनी-चंबा होते हुए ऋषिकेश भेजा जाएगा। ऑलवेदर रोड के लिए कौड़ियाला से देवप्रयाग के बीच तोताघाटी के पहाड़ी कटान का काम होना है। इसलिए ये रास्ता अगले कुछ दिनों के लिए बंद रहेगा। बंद के दौरान हल्के वाहनों के लिए देवप्रयाग-खाड़ी-ऋषिकेश और भारी वाहनों के लिए मलेथा-पीपलडाली-कोटी कालोनी-चंबा-ऋषिकेश रुट तय किया गया है। रूट डायवर्जन वाली जगहों पर भारी पुलिसबल की तैनाती रहेगी। आगे भी पढ़िए

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जिला प्रशासन ने 31 मार्च तक के लिए ये वैकल्पिक व्यवस्था बनाई है। बुधवार को डीएम डॉ. वी षणमुगम की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें 22 से 31 मार्च तक पहले शटडाउन का फैसला लिया गया। ऑल वेदर रोड (All weather road uttarakhand) निर्माण कार्य में लगे बीआरओ और एनएच के अधिकारियों ने प्रशासन से रूट डायवर्ट करने का अनुरोध किया था। जिसे प्रशासन ने सहमति दे दी। निर्माणदायी एजेंसी को भी सुरक्षा, चेतावनी संबंधी व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में सदियों बाद बनते हैं ऐसे गीत, इस गीत ने हर आंख नम कर दी..आप भी देखिए

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