उत्तराखंड देहरादूनDehradun become hot spot of coronavirus

अलर्ट: देहरादून बना कोरोना वायरस का हॉट स्पॉट..इस खतरे के बारे में जानिए

कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच देहरादून जिला कोरोना का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। यहां कोरोना संक्रमण सेकेंड स्टेज की तरफ बढ़ चला है। अगर ये तीसरी स्टेज में पहुंचा तो भारी तबाही मचेगी...

Coronavirus Uttarakhand: Dehradun become hot spot of coronavirus
Image: Dehradun become hot spot of coronavirus (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर एक के बाद एक चिंताजनक खबरें आ रही हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जिला देहरादून कोरोना का हॉट स्पाट बनकर उभरा है। यहां कोरोना संक्रमण दूसरे चरण में पहुंच चुका है। सोमवार को कोरोना के 4 पॉजिटिव मामले सामने आए, इसके साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 31 हो गई है। 31 मामलों में से 18 केस अकेले देहरादून से हैं। सोमवार को जो 4 नए केस सामने आए, उनमें एक जमाती और 3 जमातियों के संपर्क में आए लोगों से जुड़े हैं। बात करें कोरोना हॉटस्पॉट की, तो यहां आपको इसके बारे में भी बताते हैं। कोरोना हॉटस्पाट यानि वो जगह जहां कोरोना के एक बाद एक कई मामले सामने आए हों। जहां से संक्रमण एक से दूसरी जगह फैलने का खतरा सबसे ज्यादा हो। देहरादून में ऐसा ही हुआ है...अब जरा हॉट स्पॉट को समझने की कोशिश कीजिए...अब यहां कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावित इलाकों की पहचान कर उन पर काम करना होगा। प्रशासन संक्रमण रोकने के लिए हर कोशिश कर रहा है। मरीजों की कॉन्टेक्ट लिस्टिंग, ट्रैकिंग और उनका फॉलोअप किया जा रहा है। मरीजों के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। अब जरा समझिए कि अगर देहरादून कोरोना की थर्ड स्टेज में आया तो क्या होगा। आगे पढ़िए

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हम अभी भी कोरोना की थर्ड स्टेज से दूर हैं, और ये दूरी बनी रहे इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें तमाम प्रयास कर रही हैं। क्योंकि कोरोना अगर थर्ड स्टेज में पहुंचा तो स्थिति बिगड़ती चली जाएगी। अभी कोरोना संक्रमण के केसेज उन लोगों मे ज्यादा मिल रहे हैं, जो बाहर से आए हैं। थर्ड स्टेज में ये कम्युनिटी लेवल पर फैलेगा। हमारे पास चिकित्सा उपकरणों, सुरक्षा उपायों जैसे पीपीई किट, जांच किट की भारी कमी है। डॉक्टरों तक को गुणवत्ता के मास्क और किट नहीं मिल पा रहे हैं, वेंटिलेटर की कमी भी है।ऐसे मे कोरोना से निपटना आसान नहीं होगा। संक्रमण को रोकने का सबसे कारगर तरीका यही है कि जिन इलाकों में मामले सामने आए उन्हें वहीं रोक दिया जाए, ताकि वो आगे कम्युनिटी में वायरस ना फैलाएं। यहां आपको राजस्थान के भीलवाड़ा के बारे में भी जानना चाहिए। पिछले महीने राजस्थान का ये जिला कोरोना वायरस संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था। आगे पढ़िए

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भीलवाड़ा में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर के बाद अस्पताल के कई स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने इस पर तुरंत एक्शन लिया। पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया। बॉर्डर सील कर दिया गया। ना किसी को शहर से बाहर जाने दिया, ना ही किसी को शहर में दाखिल होने दिया। इस तरह भीलवाड़ा में कोरोना केसेज के आंकड़े 27 पर ही रोक दिए गए। हजारों स्वास्थ्यकर्मियों की टीम को एक साथ भीलवाड़ा भेजा गया। इन्होंने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की। हजारों लोगों की जांच हुई और इस तरह समय रहते कोरोना पर काबू पा लिया गया। कभी भीलवाड़ा 26 संक्रमितों और दो मरीजों की मौत के साथ राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला था, लेकिन यहां 30 मार्च से एक भी कोविड-19 का नया मामला सामने नहीं आया है। उत्तराखंड में भी इस तरह के प्रयास कर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है, लेकिन इसमें प्रशासन से ज्यादा भूमिका जनता की है। ये बात समझ लें कि ‘नो पेन-नो गेन’। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन करें।