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खुशखबरी उत्तराखंड: 5 साल में रेल लाइन से जुड़ जाएंगे गंगोत्री-यमुनोत्री धाम..जानिए खास बातें

आने वाले 5 साल के भीतर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम रेल सेवा से जुड़ जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री तक रेल लाइन बिछाने के लिए फाइनल सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गई है...

Uttarakhand Char Dham Rail Network: Rail line to gangotri yamunotri dham
Image: Rail line to gangotri yamunotri dham (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: लॉकडाउन ने जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन सपनों पर कोई ब्रेक नहीं है। पहाड़वासी सालों से उत्तराखंड के चार धामों के रेल सेवा से जुड़ने का इंतजार कर रहे हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट का काम जोरों पर है। आने वाले पांच साल के भीतर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम भी रेल सेवा से जुड़ जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री तक रेल लाइन बिछाने के लिए फाइनल सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। पांच साल बाद लोग ट्रेन के जरिए गंगोत्री पहुंच सकेंगे। रेल विकास निगम ने डोईवाला से गंगोत्री - यमुनोत्री तक रेल लाइन बिछाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर दी है। परियोजना को कुल लागत 20 हजार 500 करोड़ रुपये आ रही है। सर्वे के लिए देहरादून के डोईवाला स्टेशन से गंगोत्री तक की दूरी को नापा गया है। इस वक्त अगर हम सड़क मार्ग से डोईवाला से गंगोत्री जाते हैं तो 10 से 12 घंटे का समय लगता है। रेल लाइन बनने के बाद लोग सिर्फ डेढ़ से दो घंटे में गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंच सकेंगे।

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चलिए अब प्रोजेक्ट की खास बातें जान लेते हैं। ये रेल लाइन 121 किलोमीटर लंबी होगी। इसके बीच 10 रेलवे स्टेशन बनेंगे। रेल लाइन के बीच 84 किमी का सफर सुरंगों से गुजरते हुए तय किया जा सकेगा। रेलमार्ग पर 17 छोटे-बड़े पुल बनाए जाएंगे। गंगोत्री रेल लाइन देश की छठी सबसे ऊंची रेल लाइन होगी। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1,200 मीटर होगी। पांच साल में तैयार होने वाली इस रेल लाइन पर करीब 22 हजार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। गुरुवार को इस रेल लाइन की फाइनल सर्वे रिपोर्ट रेल मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को दे दी गई है। प्रोजेक्ट की डीपीआर रेल विकास निगम बनाएगा। रेल मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के साथ ही रेल लाइन पर काम शुरू हो जाएगा। रेलवे के इस प्रोजेक्ट से गंगोत्री-यमुनोत्री धाम की यात्रा सुखद और सुविधाजनक बनेगी। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।