उत्तराखंड रुद्रप्रयागHaryana number plate car in guptkashi

आखिर केदारघाटी तक कैसे पहुंच गई हरियाणा नंबर की कार? ये हो क्या रहा है?

युवकों के पास केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं थी। फिर भी ये लोग किसी तरह गुप्तकाशी तक पहुंच गए। गुप्तकाशी में पुलिस ने सख्ती ना दिखाई होती तो ये लोग केदारनाथ धाम भी पहुंच जाते...

Haryana Number Car Guptkashi: Haryana number plate car in guptkashi
Image: Haryana number plate car in guptkashi (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: अनलॉक 1.0 में मिली छूट के बाद उत्तराखंड में भी धार्मिक स्थल खुल गए हैं। प्रदेश सरकार ने बीते 8 जून को स्थानीय स्तर पर चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था। इसका मतलब ये है कि फिलहाल सिर्फ स्थानीय लोग ही चारधाम की यात्रा कर सकते हैं। इसके लिए भी प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। दूसरे राज्यों के लोगों के लिए फिलहाल चारधाम यात्रा पर पाबंदी है, इसके बावजूद लोग किसी ना किसी तरह उत्तराखंड पहुंच ही रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा नंबर की दो गाड़ियों में मेरठ से केदारनाथ जा रहे लोगों को वापस लौटा दिया। इनके पास मेरठ से पौड़ी तक जाने की अनुमति थी, लेकिन ये किसी तरह गुप्तकाशी तक पहुंच गए। दोनों गाड़ियों में कुल 9 लोग सवार थे। शुक्रवार को गुप्तकाशी में चेकिंग के दौरान ये युवक पुलिस की पकड़ में आ गए। पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो पता चला कि सभी लोग मेरठ के रहने वाले थे। इनके पास केदारनाथ जाने की अनुमति भी नहीं थी। फिर भी ये लोग किसी तरह गुप्तकाशी तक पहुंच गए।

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गुप्तकाशी में पुलिस प्रशासन ने सख्ती ना दिखाई होती तो ये लोग केदारनाथ धाम भी पहुंच जाते। पुलिस ने सभी का चालान काटने के बाद उन्हें वापस लौटा दिया। थाना प्रभारी गुप्तकाशी राजेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि मेरठ से दो वाहनों में गुप्तकाशी पहुंचे युवकों के पास केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं थी। इनके पास मेरठ से पौड़ी तक जाने की अनुमति थी, लेकिन ये किसी तरह गुप्तकाशी तक पहुंच गए थे। जहां सभी को चालान काटने के बाद वापस लौटा दिया गया। आपको बता दें कि बाहरी राज्यों के लोगों के बिना अनुमति के पहाड़ी जिलों में पहुंचने का ये पहला मामला नहीं है। बीती 4 मई का किस्सा तो आपको याद ही होगा। जब यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी बिना अनुमति के दल-बल समेत कर्णप्रयाग पहुंच गए थे। कुछ ही दिन पहले छह जून को महाराष्ट्र के चार लोगों को गौरीकुंड से वापस लौटाया गया था। ये लोग भी बिना अनुमति के केदारनाथ धाम जा रहे थे।