उत्तराखंड देहरादूनPeople of Uttarakhand will be able to visit Char Dham

सिर्फ उत्तराखंड के श्रद्धालु कर सकेंगे चारधाम दर्शन..10 नियमों का हर हाल में होगा पालन

एक जुलाई से पूरे प्रदेश के श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालु के पास उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। कंटेनमेंट जोन और सील इलाकों से आने वाले लोगों के लिए चारधाम में प्रवेश पर पाबंदी लागू रहेगी...

Char Dham Yatra Uttarakand: People of Uttarakhand will be able to visit Char Dham
Image: People of Uttarakhand will be able to visit Char Dham (Source: Social Media)

देहरादून: अनलॉक-2 में चारधाम यात्रा संचालन के लिए नई गाइड लाइन जारी कर दी गई है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी गाइड लाइन में चारधाम यात्रा को सशर्त मंजूरी दी गई है। एक जुलाई से सिर्फ उत्तराखंड के यात्री ही चारधाम के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए भी कुछ नियमों का पालन करना होगा। जो लोग बाहर से उत्तराखंड लौटे हैं और चारधाम यात्रा के इच्छुक हैं, उन्हें पहले क्वारेंटीन नियमों का पालन करना होगा। क्वारेंटीन अवधि पूरी होने के बाद ही वो चारधाम के दर्शन कर सकेंगे। उत्तराखंड से बाहर के श्रद्धालुओं को अभी दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी। प्रदेश के दूसरे जिलों में रहने वाले लोग चारधाम में पूजा-अर्चना के लिए आ सकते हैं, लेकिन उत्तराखंड के जो इलाके सील हैं। यानी जो कंटेनमेंट जोन हैं, वहां रहने वाले लोगों के लिए मंदिरों में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

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चारधाम यात्रा को प्रदेश के भीतर खोलने को लेकर सहमति बन गई है। 30 जून तक के लिए क्या व्यवस्था लागू है, इसके बारे में भी जान लें।
8 जून को अनलॉक-1 की शुरुआत के साथ ही धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर सहमति बनी थी। तब श्री बदरीनाथ धाम, केदारनाथ धाम और गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को अनुमति दी गई थी। लेकिन दर्शन सिर्फ वही श्रद्धालु कर सकते थे, जो धामों के आस-पास निवास करते हों। दर्शन के लिए डीएम की अनुमति का होना अनिवार्य किया गया था। ये व्यवस्था 30 जून तक लागू रहेगी।
एक जुलाई से नई गाइड लाइन के अनुसार पूरे प्रदेश के श्रद्धालु चारधाम के दर्शन के लिए आ सकेंगे। श्रद्धालु के पास उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
कंटेनमेंट जोन और सील इलाकों से आने वाले लोगों के लिए चारधाम में प्रवेश पर पाबंदी लागू रहेगी। आगे भी पढ़िए

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यात्रा से पहले चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ई-पास निर्गत किया जाएगा।
यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु धाम में सिर्फ एक रात के लिए रुक सकते हैं।
राज्य में रहने वाले ऐसे लोग जो चारधाम में हो रहे कार्यों या फिर धर्मशाला, होटल या ढाबों के संचालन से जुड़े हों, वो प्रशासन की अनुमति से क्षेत्र में ज्यादा दिनों तक निवास कर सकते हैं।
जिन लोगों में कोविड-19 या फ्लू के लक्षण हों, वो यात्रा नहीं करेंगे।
65 साल से ज्यादा और 10 साल से कम उम्र के लोग यात्रा ना करें।
जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हों वो भी यात्रा से बचें।
धाम क्षेत्र में यात्रा के दौरान सैनेटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना होगा।
सुरक्षा की दृष्टि से श्रद्धालुओं को धाम के गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोने होंगे।
बाहर से लाया गया चढ़ावा मंदिर परिसर में नहीं लाया जाएगा।
देवमूर्ति का स्पर्श वर्जित है।
बाकी शर्तें 9 जून को जारी शासनादेश के अनुसार ही लागू रहेंगी।