चम्पावत: प्रदेश में मानसून रफ्तार पकड़ रहा है। राज्य में मानसून 23 जून से सक्रिय है, लेकिन इसका असर इसी महीने से दिखना शुरू हुआ। लगातार जारी बारिश के साथ ही भूस्खलन और तबाही की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। राज्य के कई हिस्सों में सड़कें बंद हैं। गांवों के संपर्क मार्ग बाधित हो गए। जरूरत का सामान गांवों तक नहीं पहुंच रहा। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल मानसून के साथ आई आफत से निजात नहीं मिलेगी। शनिवार को उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग ने प्रदेश के 8 जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, नई टिहरी और पौड़ी गढ़वाल शामिल हैं। संबंधित जिलों में रह रहे लोग सतर्क रहें। आज इन जिलों में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। कुछ जगहों पर गरज के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है।
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मैदानी जिलों में बारिश ने जहां गर्मी और उमस से राहत दी, वहीं पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत का सबब बनी हुई है। खासकर चारधाम ऑलवेदर रोड पर बारिश की वजह से मलबा सड़कों पर इकट्ठा हो गया है, जिस वजह से यातायात बाधित है। शुक्रवार देर शाम उत्तरकाशी की यमुना घाटी में ऑलवेदर रोड का मलबा हाईवे पर जमा हो गया। जिस वजह से ट्रैफिक बाधित रहा। इसी तरह बदरीनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी के चाड़ा तोक और लामबगड़ में बाधित हो गया है। गुरुवार देर रात यहां भूस्खलन हुआ था। जिस वजह से हाईवे 15 घंटे तक बंद रहा। बाद में जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। शुक्रवार को यहां गाड़ियों की दोबारा आवाजाही शुरू कराई गई थी, लेकिन शाम को हुई तेज बारिश के बाद मलबा और बोल्डर हाईवे पर फिर जमा हो गए, जिस वजह से यहां ट्रैफिक बाधित है। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग चौथे दिन भी बंद है। टनकपुर-तवाघाट रोड पर भी गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो रही। मलबा आने की वजह से प्रदेश की 57 सड़कों पर ट्रैफिक बाधित है।