रुद्रप्रयाग: घर में रखा गैस सिलेंडर किसी विस्फोटक से कम नहीं। इसलिए सिलेंडर से होने वाले गैस रिसाव को हल्के में ना लें। ये लापरवाही बड़े हादसे का सबब बन सकती है। रुद्रप्रयाग में भी यही हुआ। यहां खाना बनाते वक्त गैस सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया। हादसे में पति-पत्नी गंभीर रूप से झुलस गए थे। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन गंभीर रूप से झुलसी पत्नी बच ना सकी। अस्पताल में इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। वहीं महिला के पति का अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत में सुधार है। हादसा सिलगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले फलाटी गांव में हुआ। जहां नरेंद्र लाल अपने परिवार के साथ रहते हैं। 15 जुलाई को नरेंद्र की पत्नी बिछना देवी घर में खाना बना रही थी। आगे भी पढ़िए पूरी खबर
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बताया जा रहा है कि जिस दौरान बिछना देवी खाना बना रही थी, इसी दौरान गैस सिलेंडर से लीकेज होने लगा, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। यही लापरवाही बाद में बड़े हादसे का सबब बनी। खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में आग लग गई। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया। हादसे में बिछना देवी और नरेंद्र लाल गंभीर रूप से झुलस गए। ग्रामीणों की मदद से किसी तरह दंपती को इलाज के लिए सीएचसी अगस्त्यमुनि लाया गया। यहां दोनों का प्राथमिक उपचार हुआ, लेकिन दंपती की हालत बिगड़ती चली गई। जिसके बाद गंभीर रूप से झुलसे दंपती को बेस हॉस्पिटल श्रीनगर और उसके बाद देहरादून रेफर किया गया। बिछना देवी 70 फीसदी से ज्यादा झुलसी हुई थी। आगे पढ़िए
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अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मंगलवार को गमगीन माहौल में महिला की अंत्येष्टि कर दी गई। वहीं महिला के पति नरेंद्र लाल की हालत में पहले की अपेक्षा थोड़ा सुधार है। ग्रामीणों ने महिला के निधन पर शोक जताया। ग्राम प्रधान अनीता देवी ने सरकार से प्रभावित परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की। उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। बीते फरवरी में देहरादून की एक ब्रेड फैक्टरी में सिलेंडर ब्लास्ट से भयानक आग लग गई थी। यहां एक के बाद एक चार सिलेंडर ब्लास्ट हुए। हादसे के दौरान कई मजदूर फैक्ट्री में फंस गए थे, जिनकी जान बड़ी मुश्किल से बचाई जा सकी। फरवरी में ही नैनीताल में गैस सिलेंडर ब्लास्ट में दो महिलाओं समेत तीन लोग झुलस गए थे।