उत्तराखंड देहरादूनPlasma therapy in Uttarakhand to treat coronavirus

खुशखबरी: उत्तराखंड में प्लाज्मा थैरेपी से होगा कोरोना का इलाज, शुरू हुई तैयारी

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी के लिए शासन के द्वारा अनुमति दे दी गई है, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने थेरेपी करने की तैयारी शुरू कर दी है।

Uttarakhand Coronavirus: Plasma therapy in Uttarakhand to treat coronavirus
Image: Plasma therapy in Uttarakhand to treat coronavirus (Source: Social Media)

देहरादून: हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से एक बेहद सुखद खबर सामने आ रही है। अब कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से संभव हो सकेगा। राजकीय मेडिकल कॉलेज के सुशीला तिवारी अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी के लिए शासन के द्वारा अनुमति दे दी गई है, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने थेरेपी करने की तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि कोरोना वायरस के क्रिटिकल या गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी बेहद कारगर है। उत्तराखंड में कोरोना के अटैक के बाद प्लाज्मा थेरेपी पहली बार किसी अस्पताल में हो रही है जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। उम्मीद है कि बढ़ते हुए डेथ रेट में इसके बाद थोड़ी राहत आएगी। चलिए आपको संक्षिप्त से प्लाज्मा थेरेपी के बारे में बताते हैं। दरअसल यह थेरेपी कोरोनावायरस के इलाज में बेहद कारगर है। आगे पढ़िए

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दिल्ली में फिलहाल प्लाज्मा डोनेशन का सबसे बड़ा अस्पताल भी बनाया गया है। प्लाजमा थेरेपी में कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना के चार पीड़ित व्यक्तियों का इलाज किया जा सकता है। प्लाजमा थेरेपी के अब तक के रिजल्ट काफी अच्छे आए हैं और डॉक्टर्स का यह कहना है कि जो भी मरीज कोरोना से संक्रमित होते हैं और पूर्णतः स्वस्थ हो जाते हैं उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाती हैं और उनके खून में मिल जाती है। कोरोना से उबरे स्वस्थ व्यक्ति का प्लाजमा संक्रमित व्यक्ति के शरीर मे डालकर इन एंटीबॉडीज के जरिए नए मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को पूरी तरीके से खत्म किया जा सकता है। उत्तराखंड में भी इसके लिए अनुमति मांगी गई थी। स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव डॉ पंकज पांडे ने 22 जुलाई को चिकित्सा शिक्षा निदेशक को यह पत्र भेजकर राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किए जाने के लिए अनुमति दी है।

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उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने सुशीला तिवारी चिकित्सालय में कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के लिए प्लाजमा थेरेपी करने के लिए अनुमति की मांग की थी जिस को हरा सिग्नल दे दिया गया है। उत्तराखंड में यह थैरेपी होना बेहद सुखद है और साथ ही साथ जरूरी भी है, क्योंकि राज्य में जिस हिसाब से कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं, भविष्य में राज्य में काफी समस्या आ सकती है। कुल 5300 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ उत्तराखंड में कोरोना तीव्रता से बढ़ रहा है। साथ ही कोरोना के कारण हो रही मृत्यु का आंकड़ा भी काफी बढ़ रहा है। अबतक 57 मरीजों की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है। ऐसे में राज्य में प्लाजमा थेरेपी का आना बहुत सारी उम्मीदों को साथ में लेकर आता है। इसी खबर के साथ यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में जिस गति से कोरोना के कारण हो रही मृत्यु का आंकड़ा बढ़ रहा है, वह भी थम जाएगा।