हरिद्वार: उत्तराखंड में लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुमोदन वाली फाइल को सवा साल तक दबाए रखने से नाराज राज्य सरकार ने लोनिवि के एक अनुभाग का पूरा स्टाफ बदल दिया था। अब हरिद्वार में शिक्षा विभाग के एक बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। हरिद्वार जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी को निलंबित कर दिया गया है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मामला गंभीर है। इस संबंध में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने ब्रह्मपाल सैनी के निलंबन के आदेश जारी किए। बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी का विवादों से पुराना रिश्ता है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ब्रह्मपाल सैनी की उनके गृह जनपद हरिद्वार में पोस्टिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे थे। इस संबंध में नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शिक्षा विभाग से बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी के खिलाफ कार्रवाई ना करने की वजह पूछी थी। हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद शिक्षा विभाग ने ब्रह्मपाल सैनी के निलंबन की कार्रवाई कर दी है। आगे पढ़िए
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शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने हरिद्वार के बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी के निलंबन के आदेश जारी किए। 18 बिंदुओं के आरोप पत्र के साथ ब्रह्मपाल सैनी के निलंबन की कार्यवाही पूरी की गई। आपको बता दें कि ब्रह्मपाल सैनी पर विभाग में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। वो साल 2017 से गृह जनपद में तैनात हैं। इस मामले में हरिद्वार निवासी पदम कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 2017 से हरिद्वार में नियुक्त बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी अपने गृह जनपद में तैनात हैं। जबकि शासनादेश के अनुरूप ग्रुप ए के अधिकारी को गृह जनपद में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने बताया कि ब्रह्मपाल सैनी का तबादला पहले बागेश्वर में किया गया था, लेकिन उन्होंने दोबारा अपना ट्रांसफर हरिद्वार करवा लिया। ब्रह्मपाल सैनी पर विभाग में कई अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं। बहरहाल हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद शिक्षा विभाग ने ब्रह्मपाल सैनी के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही कर दी है।