उत्तराखंड बागेश्वरDewan Singh Rawat new Dean of Delhi University

उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन बने डॉ. दीवान सिंह रावत

पिछले साल लाइलाज बीमारी पार्किंसन की दवा खोजने वाले डॉ. दीवान सिंह रावत दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए डीन बनाए गए हैं। जानिए उनके बारे में सब कुछ

Dewan Singh Rawat: Dewan Singh Rawat new Dean of Delhi University
Image: Dewan Singh Rawat new Dean of Delhi University (Source: Social Media)

बागेश्वर: उत्तराखंड के प्रतिभाशाली लोग देश-दुनिया में देवभूमि को गौरवान्वित कर रहे हैं। इस श्रृंखला में ताजा नाम डॉ. दीवान सिंह रावत का है। डॉ. दीवान सिंह रावत दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए डीन बनाए गए हैं। पहाड़ के होनहार लाल की इस उपलब्धि से पूरे प्रदेश में खुशी की लहर है। डॉ. दीवान सिंह रावत ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। डॉ. रावत ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की। उनकी उपलब्धियों को पन्नों में समेटा जाए तो शायद शब्द कम पड़ जाएंगे। डॉ. दीवान सिंह रावत ने पिछले साल पार्किंसन बीमारी की दवा की खोज की थी। पार्किंसन लाइलाज बीमारी है। सबसे खास बात ये है कि डॉ. दीवान सिंह रावत इस लाइलाज बीमारी की दवा खोजने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने ये सफलता लंबे रिसर्च के बाद हासिल की। अब उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी का डीन बनाया जाना समूचे उत्तराखण्ड के लिए गौरव की बात है। डॉ. दीवान सिंह रावत मूलरूप से उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं। उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी का डीन बनाये जाने से उनके गृह जनपद में भी खुशी का माहौल है। क्षेत्रवासियों ने उन्हें बधाई दी। आगे पढ़िए

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उन्होंने कहा कि डॉ. दीवान सिंह रावत ने अपनी काबिलियत के दम पर शानदार उपलब्धियां हासिल कर देवभूमि का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। डॉ. दीवान सिंह रावत का परिवार बागेश्वर जिले के काफलीगैर तहसील के रेखोली गांव का रहने वाला है। पहाड़ से पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. रावत ने साल 1993 में कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल से केमेस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी में टॉप किया था। मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान से पीएचडी की। बाद में कई प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया। साल 2003 में वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग में एक रीडर के तौर पर नियुक्त हुए। अपनी मेहनत और ज्ञान की बदौलत कुछ ही साल बाद 2010 में वो प्रमोशन पाकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बन गए। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉ. दीवान सिंह रावत अब तक क‌ई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। प्रो. रावत के 148 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से उन्हें नए पद के लिए शुभकामनाएं। उनकी सफलता का सफर यूं ही जारी रहे हम यही कामना करते हैं।