हरिद्वार: कोरोना के साथ अब राज्य के निवासियों को मूसलाधार वर्षा और उसके कारण हो रही तमाम दुर्घटनाओं को भी झेलना पड़ रहा है। पहाड़ों में लगातार पानी बरसने से जन जीवन पूरी तरह से तहस-नहस हो चुका है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में पानी कहर बनकर लोगों के ऊपर बरस रहा है। राज्य के अलग-अलग जिलों से त्रासदी की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल दोनों जगह बारिश का असर कम फिलहाल होता नहीं दिख रहा है। इस साल बारिश सामान्य से अधिक होने के कारण राज्य की तमाम नदियां का जलस्तर भी हद से ज्यादा बढ़ गया है और नदियां अपने उफान पर हैं। लगातार हो रही वर्षा से कई नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है और कई क्षेत्रों में बाढ़ की परिस्थितियां बनी हुई हैं। वहीं पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार वर्षा से हरिद्वार में गंगा नदी भी बेहद उफान पर आ रखी है।
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ऐसे में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तटवर्ती इलाकों को अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि गंगा नदी खतरे के निशान पर पहुंच चुकी है। इसी के साथ आपदा कंट्रोल विभाग ने सभी लोगों को अलर्ट रहने के लिए बोल दिया है। इस वर्ष में पहली बार ऐसा हो रहा है कि हरिद्वार में गंगा नदी चेतावनी के निशान 293 मीटर के स्तर पर बह रही है। गंगा नदी का जल स्तर काफी अधिक बढ़ा हुआ है और चेतावनी निशान पर गंगा नदी के बहने से यूपी के कई इलाकों और उत्तराखंड के कई तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा बहुत बढ़ गया है। वर्तमान की बात करें तो गंगा नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक जल बह रहा है और यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि अगर इसी तरह मैदानी इलाकों में और पहाड़ी इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहा तो गंगा नदी खतरे के निशान 294 मीटर पर भी पहुंच सकती है।
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इसी को देखते हुए प्रशासन ने गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों और यूपी के कई इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। आपदा प्रबंधन टीम सभी हाई रिस्क क्षेत्रों में सक्रिय कर दी गई है। हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज में गंगा नदी अपने चेतावनी के निशान पर बह रही है जिसके बाद यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ विक्रांत सैनी का कहना है कि पहाड़ों में हो रही मूसलाधार वर्षा के कारण यह पहली बार है कि गंगा नदी अपने चेतावनी लेवल पर पहुंच चुकी है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों और यूपी के कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है। इसलिए हमारे द्वारा आपदा प्रबंधन टीम को हर जगह सक्रिय कर दिया गया है। वहीं जिला अधिकारी को भी इस बात की सूचना दे दी गई है। तकरीबन 1 लाख 60 हजार क्यूसेक जल बैराज से छोड़ा गया है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ की संभावनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।