पिथौरागढ़: पहाड़ी क्षेत्रों के लिए मानसूनी बारिश काल साबित हो रही है। पिथौरागढ़ क्षेत्र को लगातार आपदा का सामना करना पड़ रहा है। लोग बारिश का कहर थमने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ये इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। पिथौरागढ़ में सोमवार की रात एक बार फिर बारिश का कहर देखने को मिला। इस बार मुनस्यारी में स्थित खलिया टॉप बारिश से हुई तबाही का गवाह बना। खलिया टॉप में 3500 मीटर की ऊंचाई पर भूस्खलन शुरू हो चुका है। कुमाऊं मंडल विकास निगम का पर्यटक आवास गृह खतरे की जद में है। भूस्खलन की वजह से आवास गृह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा कई मकानों के जमींदोज होने की खबर है। खलिया टॉप में रहने वाले लोग डरे हुए हैं। भुजानी में स्थित केएमवीएन का गेस्ट हाउस आंशिक रूप से ध्वस्त हो चुका है। बता दें कि मुनस्यारी का खलिया टॉप पर्यटन के क्षेत्र में विशेष महत्व रखता है। ये मध्य हिमालय की उन सबसे ऊंची चोटियों में शुमार है, जहां तक आम आदमी आसानी से पहुंच सकता है। दिसंबर से लेकर अप्रैल तक यहां बर्फ जमी रहती है। तब यहां की रौनक देखने वाली होती है। स्नो स्कीइंग के लिए मशहूर ये जगह ट्रैकर्स की पहली पसंद में शुमार है। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड यात्रा के बहाने अय्याशी कर रहे थे हरियाणा के लड़के, पुलिस ने कसा शिकंजा
पर्यटकों की आमद को देखते हुए केएमवीएन ने खलिया के भुजानी में 8 कमरों वाला पर्यटक आवास गृह बनाया है। लेकिन इन दिनों यहां भी आपदा का असर दिखाई दे रहा है। मानसून की शुरुआत के साथ ही यहां कटाव होने लगा था। सोमवार की रात यहां फिर से भूस्खलन हुआ, जिससे पर्यटक आवास गृह को आंशिक क्षति हुई, लेकिन खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। खलिया टॉप के अलावा हिमनगरी मुनस्यारी भी खतरे की जद में है। खलिया टॉप से बहने वाला सारा पानी मुनस्यारी शहर में पहुंचता है। अतिवृष्टि होने पर खलिया से बहने वाले नाले मुनस्यारी में पहले ही काफी नुकसान कर चुके हैं। सीमांत जिले में इस वक्त हर जगह तबाही का मंजर दिख रहा है। पिथौरागढ़ के धारचूला शहर के ग्वाल गांव में भूस्खलन से एक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। ग्वाल गांव के दो दर्जन से ज्यादा परिवार खतरे में आ गए हैं। जिले के प्रमुख मार्ग बंद हैं। काली नदी खतरे के निशान से पास बह रही है। चीन सीमा को जोड़ने वाले तीन रास्ते बंद हैं। सड़कें बंद होने की वजह से आपदाग्रस्त इलाकों में राहत पहुंचने में देरी हो रही है। लोग सड़कें खुलने का इंतजार कर रहे हैं।