उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वालCoronavirus positive pregnant women died in Srinagar garhwal

गढ़वाल: अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव गर्भवती की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप..मचा बवाल

परिजनों ने कहा कि गर्भ में बच्चे की मौत होने के बाद वो डॉक्टरों से मिन्नतें करते रहे कि मृत शिशु को ऑपरेशन कर पेट से बाहर निकाला जाए, लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया। जिस वजह से प्रसूता की मौत हो गई।

Srinagar garhwal news: Coronavirus positive pregnant women died in Srinagar garhwal
Image: Coronavirus positive pregnant women died in Srinagar garhwal (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: आम आदमी कोरोना के चौतरफा साइड इफेक्ट झेल रहा है। बीमार लोग अस्पताल पहुंचते हैं तो कोरोना और दूसरी फॉर्मेलिटीज के चक्कर में इतना वक्त बीत जाता है कि समय पर इलाज नहीं मिल पाता। इलाज में हुई देरी मरीजों की मौत की वजह बन रही है। पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में भी यही हुआ। यहां अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों पर बदसलूकी करने और महिला के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इलाज के दौरान जान गंवाने वाली महिला कोरोना संक्रमित थी।

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चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं। श्रीनगर बाजार क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। 37 साल की महिला प्रेग्नेंट थी, परेशानी बढ़ने लगी तो 12 सितंबर की रात को परिजन उसे डिलीवरी के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज लेकर आए। यहां महिला की कोरोना जांच हुई। जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पाई गई। इस बीच डॉक्टरों ने बताया कि महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो चुकी है। प्रसूता की हालत भी लगातार बिगड़ रही थी। तब उसे आईसीयू में एडमिट किया गया, जहां इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया।

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प्रसूता की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों ने कहा कि गर्भ में बच्चे की मौत होने के बाद वो डॉक्टरों से मिन्नतें करते रहे कि मृत शिशु को ऑपरेशन कर पेट से बाहर निकाला जाए, लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया। प्रसूता दर्द से तड़पती रही, बाद में उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत की खबर पाकर जब वो आईसीयू में जाने लगे तो डॉक्टर ने उन्हें धक्के मार कर बाहर निकाल दिया। डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की जान चली गई। अगर वक्त रहते गर्भवती के पेट से मृत बच्चे को निकाल लिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। वहीं डॉक्टरों ने आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि महिला को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिस वजह से उसकी मौत हो गई।