उत्तराखंड पिथौरागढ़bear attack on BRO worker in munsiyari

पहाड़ में खूंखार भालू ने किया BRO मजदूर पर हमला, हुई दर्दनाक मौत

बीआरओ मजदूर के ऊपर भालू ने जानलेवा हमला करके उस को मौत के घाट उतार दिया। आगे पढ़िए पूरी खबर-

Munsiyari bear attack: bear attack on BRO worker in munsiyari
Image: bear attack on BRO worker in munsiyari (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पहाड़ में कोरोना के साथ- साथ जंगली जानवरों का डर भी लोगों के बीचों-बीच पसरा हुआ है। गुलदार से लेकर जंगली भालू तक हर कोई इस समय खतरे का सबब बना हुआ है। राज्य के अधिकांश पहाड़ी इलाकों में लोग घर से बाहर अकेले जाने से डर रहे हैं और काम करने से भी कतराने लगे हैं। कारण है जंगली जानवरों का भय। जंगली जानवर भी राज्य के ग्रामीण इलाकों में खुलेआम घूम रहे हैं जिस कारण लोगों की जान के ऊपर भी रिस्क काफी बढ़ जाता है। हिंसात्मक रूप धर चुके जंगली जानवर आखिर किस हद तक लोगों के लिए खतरनाक हो सकते हैं यह पिथौरागढ़ के मुनस्यारी इलाके में साफ तौर पर देखा जा सकता है। बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी इलाके के उच्च हिमालय क्षेत्र में बीते मंगलवार को एक बीआरओ मजदूर के ऊपर भालू ने जानलेवा हमला करके उस को मौत के घाट उतार दिया।

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भालू ने व्यक्ति पर उस समय हमला किया जब मंगलवार को व्यक्ति अपना काम खत्म करके अपने घर की ओर जा रहा था। व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद से ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची हुई है और मृतक व्यक्ति के परिजनों के बीच में कोहराम मचा हुआ है। वहीं गांव वालों ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। इसी के साथ प्रशासन और वन विभाग की टीम भी सूचना मिलते ही वहां पहुंची और घटना का जायजा लिया। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। घटना पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी इलाके के उच्च हिमालयी क्षेत्र मल्ला जोहार की है। जिमी घाट निवासी गजेंद्र टोलिया बीआरओ में मजदूर का काम करता था और अपने बीवी एवं दो बच्चों का भरण-पोषण करता था। वह बीते मंगलवार की शाम को मजदूरी खत्म करके अपने घर की ओर जा रहा था कि तभी लास्पा गाड़ के इलाके में एक भालू ने गजेंद्र के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। जिसके बाद गजेंद्र टोलिया की मौके पर ही मौत हो गई

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घटना के बाद से ही गांव में हड़कंप मचा हुआ है और ग्रामीण बेहद डरे हुए हैं। वही गजेंद्र के घर में उसकी मृत्यु के बाद से ही मातम पसरा हुआ है और उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बता दें कि मृतक गजेंद्र डोलिया बीआरओ में मजदूर की नौकरी करता था और उसी से उसके परिवार का पेट पलता था। गजेंद्र घर का अकेला कमाऊ सदस्य था और उसकी मौत के बाद से ही परिजनों के सामने आर्थिक संकट भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ गया है। वहीं गजेंद्र की मृत्यु के बाद गांव वालों ने मांग की है कि गजेंद्र के परिवार को मुआवजा मिले। उसके दो छोटे बच्चे हैं अब उसकी पत्नी के कंधों पर अपने दोनों बच्चों को पालने और पोसने की जिम्मेदारी आ गई है। वहीं गांव वालों ने प्रशासन एवं वह विभाग की टीम उओ इस हादसे के बारे में सूचित किया जिसके बाद वे तुरंत ही वहां की परिस्थितियों का जायजा लेने पहुंचे।