उत्तराखंड टिहरी गढ़वालLoad testing in dobra chanti bridge

उत्तराखंड में देश का सबसे लंबा सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज, 21 सितंबर से शुरू होगा बड़ा काम

4 साल के लंबे इंतजार के बाद टिहरी झील पर बना डोबरा- चांठी पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। 21 सितंबर से पुल की लोड टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। आगे पढ़िए पूरी खबर-

Tehri garhwal news: Load testing in dobra chanti bridge
Image: Load testing in dobra chanti bridge (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: टिहरी जिले के निवासियों के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। 4 साल के लंबे इंतजार के बाद टिहरी झील पर बना डोबरा- चांठी पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। 21 सितंबर से पुल की लोड टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। फाइनल लोड टेस्टिंग के लिए कोरियाई इंजीनियर जैकी किम को 15 दिनों के लिए राज्य में बुलाया है। अगर उनके द्वारा पुल को हरा सिग्नल मिल जाता है तो उम्मीद है कि आने वाले अक्टूबर से पुल पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा। फिलहाल के लिए पुल के ऊपर जेसीबी हाइड्रा कार चलाकर जो टेस्टिंग की गई थी वह सफल रही। इसी के साथ थोड़े-थोड़े वाहनों को चला कर टेस्टिंग की जा रही है जो कि अबतक सफल रही है।

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लंबे समय से टिहरी झील पर बन रहे डोबरा-चांठी पुल के संचालन का इंतजार अब खत्म होता दिख रहा है। पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसकी फाइनल लोड टेस्टिंग के लिए लोनिवि ने कोरियाई इंजीनियर जैकी किन को बुलाया है। आने वाले 21 सितंबर से पुल की लोड टेस्टिंग भी शुरू हो जाएगी और सभी रिपोर्ट्स सही आने पर एवं जैकी किन द्वारा मंजूरी देने पर अक्टूबर से पुल पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा। बता दे कि डोबरा-चांठी झूला पुल का निर्माण बीते वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, मगर 2010 में डिजाइन के बुरी तरह फेल होने के बाद इसका निर्माण कार्य बंद करना पड़ा। तब तक पुल के ऊपर 1.35 करोड़ रुपए की लागत लग चुकी थी। उसके बाद 2016 में लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 करोड़ की लागत से एक बार फिर से पुल का निर्माण शुरू किया।

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पुल का डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी ने तैयार किया है। पुल का निर्माणकार्य अब लगभग पूरा हो चुका है और संभावना है कि अक्टूबर से आम जनता के लिए यह पुल खुल जाएगा। प्रोजेक्ट इंजीनियर एसएस मखलोगा के मुताबिक पुल की लंबाई 725 मीटर है और इसमें 440 मीटर लंबा सस्पेंशन ब्रिज लगा है। पुल की कुल चौड़ाई 7 मीटर है। बता दें कि पुल के ऊपर एक बार में 18 टन के भार वाले वाहन गुजर सकते हैं। पुल पर एक साथ अधिक वाहन न आएं इसके लिए पुल पर बूम बैरियर भी लगाए जाएंगे। पुल के ऊपर आजकल कंपनी द्वारा खुद ही टेस्टिंग की जा रही है जिसमें से जेसीबी हाइड्रा और छोटी गाड़ियों को पुल के ऊपर से गुजारा गया है जो कि सक्सेसफुल हुई है। उम्मीद है कि आने वाले 21 सितंबर से शुरू होने वाली फाइनल लोड टेस्टिंग सफल हो ताकि अक्टूबर से पुल पर आम वाहनों की आवाजाही शुरू हो सके।