उत्तराखंड पिथौरागढ़Pithoragarh International bridge opened to save the girl child

वाह उत्तराखंड..बच्ची को बचाने के लिए 20 मिनट के लिए खोला गया अंतर्राष्ट्रीय पुल

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बीते सोमवार को नेपाल की एक माह की बच्ची के उपचार के लिए धारचूला पुल को द्वारा 20 मिनट के लिए खोला गया और बच्ची को नया जीवनदान दिया गया।

Pithoragarh News: Pithoragarh International bridge opened to save the girl child
Image: Pithoragarh International bridge opened to save the girl child (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: नेपाल रोटी-बेटी के रिश्ते को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। भारत को रणनीतिक आधार पर हर तरह से घेरने में जुटा हुआ नेपाल, भारत को लगातार टारगेट किया जा रहा है और चाइना के साथ मिलकर भारत के खिलाफ सोची समझी साजिश रच रहा है। मगर इसके बावजूद भी भारत ने अपनी जिंदादिली और नेकदिली नहीं छोड़ी है। नेपाल और भारत के बीच पनप रही आपसी रंजिशों के बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बीते सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिसने यह साबित कर दिया है कि भारत वाकई महान है और इंसानियत के मामले में सबसे ऊपर है। भारत में नेपाल की महज 1 महीने की बच्ची की जान को बचाने के लिए सभी तरीके के नियम कानून और दुश्मनी को दरकिनार करके बीते सोमवार दोपहर को 20 मिनट के लिए पिथौरागढ़ का धारचूला अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल खोला गया। जी हां, महज 1 महीने की बच्ची जिसके आंतों में गांठ थी, उसके इलाज के लिए धारचूला का पुल खुलते देख बच्ची के माता-पिता के आंखों से भी आंसू छलक उठे और उनकी जान में जान आई।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - देहरादून: बस, विक्रम, ऑटो में अब पूरी क्षमता के साथ बैठेंगी सवारियां..किराए में भी राहत
अपनी बच्ची को नया जीवनदान मिलते देख दोनों दंपतियों ने फफकते हुए भारतीय अफसरों का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि भारत को यूं ही महान नहीं कहा जाता है। प्राथमिक उपचार के बाद बीमार बच्ची को धारचूला के बलवाकोट में रखा गया है। चलिए अब आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं। बता दें कि भारत से लगे नेपाल के मल्लिकार्जुन गांव की 1 महीने की बच्ची का दार्चुला के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। बच्ची की आंतों में गांठें बनी हुई हैं जिस कारण उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी। इसको देखते हुए नेपाल के चिकित्सकों ने उसके परिजनों को बच्चों को भारत जाने की सलाह दी मगर झूला पुल बंद होने के कारण बच्ची के परिजन बेहद चिंता में आ गए। इसके बाद नेपाल के ही कुछ समाजसेवियों ने पीड़ित परिवार की मदद करते हुए पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई तो भारतीय अफसरों ने 1 महीने की मासूम बच्ची को नया जीवन दान देने के लिए बिना देरी किए ही तत्काल रूप से झूला पुल खोलने का आदेश दे दिया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में यूपी से तमंचा लाकर दिखा रहा था रौब, चढ़ गया पुलिस के हत्थे
पुल खुलने की खबर सुनते ही बच्ची के माता-पिता बेहद भावुक हो उठे। सोमवार को 20 मिनट के लिए उनकी बच्ची के लिए धारचूला झूला पुल खोला गया पुल खुलते ही अपनी बच्ची को तड़पते देख रहे माता पिता ने राहत की सांस ली और उन्होंने सभी अफसरों का धन्यवाद व्यक्त किया। फिलहाल बच्ची को बेहतर इलाज के लिए पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल लाया गया है जहां पर उसका उपचार चल रहा है। बीते सोमवार को तकरीबन 20 मिनट के लिए झूला पुल खुलने के बाद दोनों देशों के 138 लोगों ने पुल से आवाजाही की। एसएसपी इंस्पेक्टर कश्मीर सिंह के अनुसार बीमार बच्ची को इलाज के लिए भारत जाना था और इसके अलावा अन्य कई लोगों ने भी भारत और नेपाल में आवाजाही करनी थी। इसके बाद भारत और नेपाल प्रशासन के अधिकारियों के बीच एक वार्ता हुई और दोनों देशों ने सहमति से पुल खोलने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि पुल खुलने के दौरान तकरीबन 50 लोग भारत से नेपाल और 88 लोग नेपाल से भारत आए।