देहरादून: अब वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की तरह अंग्रेजी बोलेंगे। प्राइमरी स्तर पर छात्रों का अंग्रेजी ज्ञान मजबूत बनाने के लिए शिक्षा विभाग एक शानदार काम करने वाला है। स्कूली छात्रों की अंग्रेजी सुधारने से पहले शिक्षकों का अंग्रेजी संबंधी ज्ञान बढ़ाया जाएगा, उन्हें अंग्रेजी की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग स्पेशल ट्यूटोरियल पैकेज तैयार कर रहा है। यानी बच्चों को अंग्रेजी सिखाने से पहले शिक्षकों का भाषा ज्ञान मजबूत किया जाएगा। मास्टर साहब की अंग्रेजी सुधारने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) अंग्रेजी का एक खास शिक्षण पैकेज तैयार कर रहा है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में 2 नवंबर से खुलेंगे बोर्डिंग स्कूल, जानिए क्या होगी गाइडलाइन
शिक्षा विभाग की तरफ से प्राइमरी के शिक्षकों के लिए अंग्रेजी का खास ट्यूटोरियल पैकेज तैयार किया जा रहा है। अंग्रेजी आज हर फील्ड की जरूरत है। माता-पिता भी अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं, ताकि वो कामयाबी की रेस में पीछे ना रह जाएं। लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं है। अगर प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई के दौरान अंग्रेजी विषय में कमजोरी दूर करने के प्रयास किए जाएं, तो यकीनन इसके अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे। इससे छात्रों का भाषा संबंधी बुनियादी ज्ञान मजबूत होगा
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: प्रेमी की खातिर पहाड़पानी से हल्द्वानी आई शादीशुदा महिला..प्रेमी गहने लेकर फुर्र
सरकारी स्कूल के बच्चों की अंग्रेजी सुधारने से पहले शिक्षा विभाग मास्टर साहब की अंग्रेजी सुधारेगा। इसके लिए एससीईआरटी अंग्रेजी का स्पेशल पैकेज तैयार कर रहा है। इस पैकेज की मदद से प्राइमरी शिक्षकों की अंग्रेजी मजबूत होगी। जिससे वो क्लास रूम में छात्रों को ज्यादा अच्छे से पढ़ा सकेंगे। नई शिक्षा नीति में भी प्राथमिक स्तर से भाषा ज्ञान को बेहतर बनाने पर फोकस किया गया है। एससीईआरटी ने पैकेज तैयार करने के लिए प्रदेश भर से 8 शिक्षकों का चयन किया है। उत्तराखंड सरकार हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी छात्रों की बुनियाद को मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। प्राइमरी स्तर पर छात्रों को अंग्रेजी पढ़ाई भी जा रही है, लेकिन अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिल रहे। अब शिक्षा विभाग स्कूल के शिक्षकों की अंग्रेजी सुधारने की कवायद में जुटा है, ताकि वो बच्चों को बेहतर ढंग से अंग्रेजी पढ़ा सकें।