उत्तराखंड चम्पावतBodybuilder Siddi Bhatia of Champawat district

उत्तराखंड की सिद्धि..शादी के बाद पति को खोया, लेकिन हौसला नहीं टूटा..आज है नेशनल चैंपियन

महिलाओं को फिटनेस ट्रेनिंग दे कर समाज में महिला सशक्तिकरण की ठोस मिसाल पेश कर रही हैं सिद्धि भाटिया

Champawat News: Bodybuilder Siddi Bhatia of Champawat district
Image: Bodybuilder Siddi Bhatia of Champawat district (Source: Social Media)

चम्पावत: मगर क्या आप जानते हैं कि सिद्धि भाटिया की इस कामयाबी के पीछे उनका एक संघर्षमय जीवन है जिसको जानकर आप भी उनको सैल्यूट करेंगे। यह 1999 की बात है। सिद्धि भाटिया की शादी के बाद तकरीबन 7 महीने की गर्भवती होने के दौरान उनके पति की मृत्यु हो गई। इसके बाद सिद्धि पूरी तरह टूट गईं थीं। पेट में 7 महीने का बच्चा था, सामने उसके और उसके बच्चे के भविष्य के लिए रास्ता था। वह चाहतीं तो कोई गलत कदम उठा सकती थी, जीने के चाह छोड़ सकती थी, अवसाद में जा सकती थी। मगर सिद्धि ने इन सबको साइड करते हुए अपने सपनों को पंख देने की ठानी और दूसरों के लिए वह एक मिसाल बन कर सामने आईं। आज वह एक प्रसिद्ध बॉडीबिल्डर हैं जो महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हुई हैं। सिद्धि ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम किए हैं और वह फिटनेस चैंपियनशिप की भी विजेता रही हैं। सिद्धि ने अपने और अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए जमकर मेहनत की और खुद को मजबूत बनाया। आज वह अपनी जिंदगी में भी एक चैंपियन से कम नहीं हैं।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड की दानवीर देवकी दादी से ठगी, ठगों ने उड़ाए 47 हजार रुपये..PM फंड में दिए थे 10 लाख
टनकपुर रोड की रहने वाली सिद्धि भाटिया की 1999 में शादी हुई थी। शादी के कुछ ही महीनों के बाद उनके पति और उनके सास का निधन हो गया। उस समय वह 7 माह की गर्भवती थीं। उस समय सिद्धि के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। उनको अपने परिवार को संभालना भी था और आगे भी बढ़ना था। यह किसी चुनौती से कम नहीं था। परंतु सिद्धि ने हार नहीं मानी उन्होंने अपने और अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य को संवारने का बीड़ा खुद अपने कंधों पर उठाया और फिटनेस के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया। वह वर्तमान में टनकपुर में जिम संचालित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में लगी हुई हैं। सिद्धि पेशे से फिटनेस ट्रेनर एवं बॉडीबिल्डर हैं। 2017 में पंजाब में हुई राष्ट्रीय महिला बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में भी दमदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उन्होंने चेन्नई में भी 2018 में बॉडीबिल्डिंग कम्पीटिशन में रजत पदक हासिल किया था। 2016 में उन्होंने महिलाओं को फिट रखने के लिए जिम खोला जिसके जरिए वह महिलाओं को उनकी सेहत के प्रति जागरूक कर रही हैं और उनको आत्मनिर्भर बना रही हैं। सिद्धि का कहना है कि उनसे ट्रेनिंग लेकर कई महिलाएं प्रेरित हो रही हैं और अपने इलाके में भी ट्रेनर क्लास चलाती हैं। सिद्धि भाटिया का कहना है कि महिलाओं को उनकी फिटनेस के ऊपर काफी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि फिटनेस ही वह चाभी है जिसके जरिए महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर चल सकती हैं और सशक्त बन सकती हैं। वाकई महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल पेश कर रही हैं खटीमा की सिद्धि भाटिया और समाज के लिए एक मजबूत उदाहरण बनकर सामने आई हैं।

ये भी पढ़ें: