देहरादून: 18 दिसंबर 2020। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्तराखंड के दौरे पर आए थे। यहां आकर मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड के कैबिनेट मिनिस्टर मदन कौशिक से देवभूमि में बीजेपी शासन के दौरान हुए विकास को लेकर सवाल पूछे, और भी कई बातें पूछी। खुली डिबेट के लिए मंत्री मदन कौशिक को चैलेंज भी दिया, जिसे कैबिनेट मिनिस्टर मदन कौशिक ने स्वीकार भी कर लिया। इस तरह दोनों के बीच डिबेट होना तय हो गया, लेकिन अब इसमें एक नया पेंच फंस गया है। मदन कौशिक चाहते हैं कि डिबेट दिल्ली में हो, जबकि मनीष सिसोदिया उत्तराखंड में डिबेट चाहते हैं। अब लोगों के बीच इस बात पर ही डिबेट शुरू हो गई है कि ये डिबेट उत्तराखंड में होगी या फिर दिल्ली में। दरअसल दोनों ही नेता नहीं चाहते कि डिबेट उनके प्रदेश में हो। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में तीसरा सियासी विकल्प बनने की तैयारी में है। पिछले दिनों जब दिल्ली के उप मुख्यमंत्री उत्तराखंड दौरे पर आए तो उन्होंने प्रदेश में हुए विकास को लेकर उत्तराखंड सरकार को खुली बहस की चुनौती दी थी, जिसे कैबिनेट मिनिस्टर मदन कौशिक ने स्वीकार भी कर लिया। आगे पढ़िए
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अब मदन कौशिक चाहते हैं कि ये बहस दिल्ली में रखी जाए। उनका कहना है कि उत्तराखंड में सरकार अच्छा काम कर रही है, इसलिए बहस दिल्ली में होनी चाहिए, और तब वे दिल्ली मॉडल का सच दुनिया को बताएंगे कि सच्चाई है क्या? मदन कौशिक ने कहा कि आप खुली बहस के जरिए उत्तराखंड में एंट्री का मौका ढूंढ रही है। वहीं आप नेताओं का कहना है कि खुली बहस उत्तराखंड में होनी चाहिए। आप प्रवक्ता रविन्द्र आनंद का कहना है कि मदन कौशिक डिबेट से ध्यान भटकाना चाहते हैं, इसलिए दिल्ली की बात कर रहे हैं। उत्तराखंड के मुद्दों पर चर्चा उत्तराखंड में ही होनी चाहिए। इस तरह डिबेट को लेकर फिलहाल जगह तय नहीं हुई है। बीजेपी ने भी अपना सियासी गणित बैठा लिया है। बीजेपी खुली बहस के बहाने आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में एंट्री का मौका नहीं देना चाहती। यही वजह है कि मदन कौशिक आप के डिबेट चैलेंज को दिल्ली में ही समेटना चाहते हैं।