उत्तराखंड चमोलीUttarakhand Badri Cow Ghee

अब उत्तराखंड की बदरी गाय का शुद्ध घी लीजिए..शुरू हुई ऑनलाइन बिक्री

बदरी गाय के शुद्ध घी की ऑनलाइन बिक्री अब शुरू हो गई है और अब आप घर बैठे-बैठे शुद्ध बदरी गाय के घी को अमेजॉन से ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

Uttarakhand Badri cow: Uttarakhand Badri Cow Ghee
Image: Uttarakhand Badri Cow Ghee (Source: Social Media)

चमोली: अब अगर आप ही गाय के शुद्ध देसी घी खाने के शौकीन हैं और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखने के लिए आप भी बिना मिलावट का गाय का शुद्ध घी खाते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। सर्दियों में घी कितना पौष्टिक होता है यह हम सभी जानते हैं। मगर मिलावट के इस दौर में शुद्ध घी मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। मगर अब उत्तराखंड की बदरी गाय के शुद्ध देसी घी तक पहुंच और भी आसान हो गई है। जनपद चमोली का मशहूर बदरी गाय का शुद्ध घी अब ऑनलाइन भी मिल रहा है। जी हां, बदरी गाय के शुद्ध घी की ऑनलाइन बिक्री अब शुरू हो गई है। अब आप घर बैठे-बैठे शुद्ध बदरी गाय के घी को अमेजॉन से ऑनलाइन खरीद सकते हैं। बदरी गाय के घी के नाम से यह ऑनलाइन साइट से मंगवाया जा सकता है। बता दें कि बदरी गाय का घी लोगों के बीच में काफी प्रसिद्ध है और इसकी शुद्धता के कारण काफी लोग इसको पसंद करते हैं। ऐसे में अब ऑनलाइन बिक्री होने से इसकी पहुंच बढ़ जाएगी और दूर शहरों में बैठे लोग भी गाय के शुद्ध घी का आनंद उठा पाएंगे

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गाय के घी की सबसे खास बात यह है कि यह घी चमोली जनपद की महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से तैयार किया जाता है और यह परंपरागत बिलोना विधि से बनाया जाता है। यह ठीक वैसे ही बनाया जाता है जैसे कई वर्ष पूर्व बनाया जाता था। इसमें बदरी गाय के दूध से दही बनाने के पश्चात लकड़ी मदद से मथ कर प्राप्त मक्खन को हल्की आंच में पकाया जाता है और घी तैयार किया जाता है ताकि इसके पोषक तत्व बने रहें। अभी जोशीमठ ब्लॉक के अंतर्गत बदरी गाय के घी के दो ग्रोथ सेंटर संचालित हैं जहां पर महिला सहायता समूह की ओर से बिलोना विधि से बदरी गाय का घी परंपरागत तरीके से निर्मित किया जा रहा है और इसकी बिक्री काफी तेजी से हो रही है। अब बदरी घी की ऑनलाइन बिक्री भी शुरू कर दी है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इससे ना केवल पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं की आय बढ़ेगी उनको आर्थिक रूप से मदद मिलेगी जबकि बदरी गाय का संरक्षण भी होगा।

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देवभूमि उत्तराखंड की बदरी गाय को राष्ट्रीय पक्षी आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की ओर से 40वीं भारतीय नस्ल की गाय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। यह एक मजबूत कद काठी की छोटी सी गाय है और यह बदरी गाय उच्च हिमालई क्षेत्रों में पाली जाती है। इम्यूनिटी बढ़ाने में बदरी गाय का घी बहुत ही लाभदायक होता है, इसीलिए लोगों के बीच में इसकी डिमांड काफी बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि बदरी गाय उच्च हिमालई क्षेत्रों के बुग्यालों एवं जड़ी-बूटियों से भरपूर एवं कई औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों का सेवन करती हैं जिससे बदरी गाय का दूध बेहद औषधीय गुणों से भरपूर होता है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी लाभदायक होता है। सहायक निदेशक डेरी राजेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक बदरी गाय के घी की बड़े स्तर पर उत्पादन की तैयारी की जा रही है अमेजॉन पर यह घी मौजूद है और बदरी घी के ग्रोथ सेंटर की सफलता से डेयरी विकास विभाग द्वारा जनपद चमोली में 5 नए ग्रोथ सेंटर भी प्रस्तावित किए हैं।