उत्तराखंड चमोलीPostmaster corruption in chamoli

गढ़वाल: पोस्ट मास्टर ने हड़पी गांव वालों की 60 लाख की रकम..अब हुआ बड़ा खुलासा

उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ विकास खंड के किमोली गांव में पिछले 10 सालों में पोस्ट मास्टर ने ग्रामीणों की तकरीबन 60 लाख से भी अधिक जमा पूंजी फर्जी तरीके से हड़प ली है।

Chamoli news: Postmaster corruption in chamoli
Image: Postmaster corruption in chamoli (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ विकास खंड के किमोली गांव से एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। ऐसे मामले प्रशासन की लापरवाही के ऊपर तमाम सवाल उठाते हैं। किमोली गांव के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव के उप डाकघर के तत्कालीन पोस्टमास्टर ग्रामीणों की मेहनत की कमाई और जमा-पूंजी डकार गए हैं और पिछले 10 सालों में तत्कालीन पोस्ट मास्टर ने ग्रामीणों की तकरीबन 60 लाख से भी अधिक जमा पूंजी फर्जी तरीके से हड़प ली है। नारायणबगड़ विकासखंड के ग्रामीणों का डाक विभाग के ऊपर से भरोसा पूरी तरह टूट चुका है। जी हां, एक ओर ग्रामीण मेहनत मजदूरी कर अपने खून-पसीने की कमाई से पैसे जमा कराते हैं मगर सरकारी विभाग ही अब ग्रामीणों का पैसा हड़पने में लगे हुए हैं। सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद माने जाने वाले पोस्ट ऑफिस में गरीबों की जमा-पूंजी से यहां के कर्मचारी अपनी जेब भर रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पिछले 10 सालों में तत्कालीन पोस्टमास्टर ने गांव वालों की 60 लाख से भी अधिक जमा पूंजी फर्जी तरीके से निकासी है। आप भी यह जानकर अचंभित रह जाएंगे जब आपको पता लगेगा कि आखिरकार ग्रामीणों को इस फ्रॉड के बारे में पता कैसे लगा।

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ग्रामीणों ने कहा है कि उनके लाखों रुपए की खून पसीने की कमाई यहां पर तैनात पोस्टमास्टर द्वारा हड़प ली गई है। आरोप है कि विगत 10 वर्षों में उनके द्वारा जमा की गई लगभग 60 लाख से भी अधिक की धनराशि पोस्ट ऑफिस में जमा की गई थी, जिसमें फिक्स, सेविंग, एफडी, एलआईसी एवं मनरेगा के पैसे सम्मिलित हैं। वे सभी पैसे पोस्ट मास्टर ने अपनी जेब में डाल दिए हैं। इस मामले का पता तब लगा जब बीते अगस्त 2020 में आरोपी पोस्ट मास्टर मुकेश कुमार की अन्य जगह तैनाती हो गई और वहां पर तैनात पोस्टमैन को उनकी जगह ड्यूटी पर लगा दिया। जब लोग उनके पास अपने पैसे निकालने हेतु पहुंचे तो उनके खातों में कोई भी पैसे नहीं होने पर सभी ग्रामीणों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत ही इस बात की सूचना डाक निरीक्षक कर्णप्रयाग को दी। ग्रामीणों ने इस संबंध में डाक निरीक्षक को बकायदा पासबुक भी दिखाई।

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जब डाक निरीक्षक पूर्वी रोहित कुमार द्वारा गांव में पहुंचकर इस पूरे मामले की जांच की गई तब जांच में ग्रामीणों के हिस्से का एक बड़ा घोटाला प्रकाश में आया। इस पूरी घटना के बाद से ग्रामीणों के बीच में रोष साफ दिखाई दे रहा है। निरीक्षक ने गांव में आकर ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी लौटाने का पूरा आश्वासन दिया है मगर अभी भी 6 महीने से अधिक समय होने को आया है मगर कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है। सहायक अधीक्षक गोपेश्वर बद्री प्रसाद थपलियाल का कहना है कि इस घोटाले के संबंध में उनको फोन पर जानकारी दी गई और इस पूरे मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी पोस्टमास्टर को निलंबित कर दिया गया है और जल्द ही एफआईआर भी दर्ज की जाएगी और इसी के साथ में उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि जिन भी ग्रामीणों का पैसा इस पूरे घोटाले में हड़पा गया है उन सभी ग्रामीणों को उनका पैसा भी दिया जाएगा।