उत्तराखंड नैनीतालUttarakhand Tourism Development Corporation to be formed soon

ना GMVN, न KMVN..अब उत्तराखंड विकास निगम कहिए जनाब

जीएमवीएन और केएमवीएन का संचालन उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम कंपनी करेगी। केएमवीएन निदेशक मंडल ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पढ़िए पूरी खबर

Kumaon Mandal Development Corporation: Uttarakhand Tourism Development Corporation to be formed soon
Image: Uttarakhand Tourism Development Corporation to be formed soon (Source: Social Media)

नैनीताल: जीएमवीएन और केएमवीएन। पर्यटन के क्षेत्र में सेवाएं देने वाली दो प्रमुख संस्थाएं। अब ये दोनों संस्थाएं मिलकर काम करेंगी। दोनों निगमों के एकीकरण को स्वीकृति मिल गई है। जिसके बाद निगम के होटल और गेस्ट हाउस का संचालन एक छत के नीचे होगा। इनका संचालन उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम कंपनी करेगी। केएमवीएन निदेशक मंडल ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सोमवार को नैनीताल के सूखाताल में इसे लेकर अहम बैठक हुई। चेयरमैन केदार जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें केएमवीएन और जीएमवीएन के एकीकरण का प्रस्ताव भी शामिल था। केएमवीएन निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए साफ किया कि इससे केएमवीएन पर असर नहीं पड़ेगा। इसका स्वतंत्र अस्तित्व बना रहेगा। ये कंपनी आउटसोर्स एजेंसी का काम करेगी और कर्मचारियों की कमी भी दूर करेगी।

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बैठक में एमडी रोहित मीणा ने कहा कि जीएमवीएन और केएमवीएन का संचालन अब यूकेडीडीसी कंपनी करेगी। ये कंपनी दोनों निगमों की वेबसाइट का भी संचालन करेगी। जीएमवीएन और केएमवीएन के एक बैनर तले आने से देशभर के शहरों में संचालित पीआरओ कार्यालयों पर सालाना खर्च किए जा रहे 70 लाख से एक करोड़ रुपये तक की बचत होगी। बैठक में नैनीताल और अल्मोड़ा समेत अन्य जगहों के 16 चुनिंदा पर्यटक आवास गृहों में थ्री स्टार सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही गई। इसके अलावा सूखाताल में केएमवीएन की पार्किंग की पहली मंजिल पर फूड कोर्ट और क्राफ्ट सेंटर बनाया जाएगा। यहां छत पर दुकानें बनाई जाएंगी, जिन्हें किराए पर दिया जाएगा। 13 जिलों के लिए 13 क्राफ्ट सेंटर भी बनाए जाएंगे। जहां अलग-अलग जिलों का खानपान और सामान बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। इससे निगम को डेढ़ करोड़ की आय होगी। बैठक में 37 अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति और कर्मचारियों के मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली।