उत्तराखंड बागेश्वरIsha has secured first place in National Arts Festival

राष्ट्रीय कला उत्सव में उत्तराखंड के लोकगीत को पहला स्थान, बागेश्वर की बिटिया ने बढ़ाया मान

ईशा ने राष्ट्रीय कला उत्सव में पहाड़ का लोकगीत गाकर पहला स्थान हासिल किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट कर के ईशा को बधाई दी। ईशा कक्षा 9 की छात्रा है।

Uttarakhand folk songs: Isha has secured first place in National Arts Festival
Image: Isha has secured first place in National Arts Festival (Source: Social Media)

बागेश्वर: उत्तराखंड की लोक संस्कृति-लोकगीतों की बात ही अलग है। पहाड़ के लोकगीत जब देश-विदेश के मंच पर गाए जाते हैं तो दिल को बड़ा सुकून मिलता है, गर्व का अहसास होता है। बागेश्वर की एक होनहार बिटिया ईशा धामी की बदौलत उत्तराखंड को एक बार फिर गर्व करने का अवसर मिला है। ईशा ने राष्ट्रीय कला उत्सव में पहाड़ का लोकगीत गाकर पहला स्थान हासिल किया है। एनसीईआरटी राष्ट्रीय कला की ओर से हर साल नेशनल लेवल की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। जिसमें देशभर के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं। इस बार बागेश्वर की रहने वाली छात्रा ईशा धामी को इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। बीते दिन एनसीईआरटी की तरफ से राष्ट्रीय कला उत्सव 2020 के विजेताओं की घोषणा की गई। जिसमें उत्तराखंड लोकगायन प्रतियोगिता में पहले स्थान पर रहा।

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उत्तराखंड को प्रथम पुरस्कार मिलने की खबर आते ही शिक्षा महकमे में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग ईशा को बधाई देने उनके घर पहुंचने लगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ट्वीट कर के ईशा को बधाई दी। अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा की बागेश्वर की ईशा धामी ने 11 से 22 जनवरी तक आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता में पारंपरिक लोकगीत गायन में पहला स्थान हासिल किया। ईशा बिटिया को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।भगवान बदरी विशाल और बाबा केदार से उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करता हूं। चलिए अब आपको प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली ईशा के बारे में बताते हैं। बागेश्वर में रहने वाली ईशा धामी आनंदी अकादमी में कक्षा नौ की छात्रा हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पहाड़ के चर्चित लोकगीत 'सुआ रे सुआ बनखंडी सुआ शकुन आखर' गाकर प्रथम पुरस्कार अपने नाम किया।

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ये लोकगीत स्वाल पथाई के दिन गाए जाने वाला प्रमुख लोकगीत है। छात्रा का यह गीत सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बता दें कि एनसीईआरटी राष्ट्रीय कला की तरफ से हर साल राष्ट्रीय स्तर के उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें जिले और राज्य स्तर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं का चयन कर इस उत्सव में शामिल किया जाता है। इस बार बागेश्वर की छात्रा ने इस उत्सव में लोकगीत गाकर उत्तराखंड को पहला पुरस्कार दिलाया। ईशा की इस उपलब्धि से राज्य के शिक्षा और संगीत जगत से जुड़े लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से भी ईशा को ढेरों बधाई।