हल्द्वानी: रिश्तों की खींचतान, अनिश्चितता और काम के बढ़ते बोझ के चलते युवा डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। जिससे युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है। हल्द्वानी में रहने वाला 28 साल का बलबीर सिंह भी डिप्रेशन से जूझ रहा था। सोमवार को बलबीर ने घर की लॉबी में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। बलबीर मूलरूप से पिथौरागढ़ का रहने वाला था। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी थी। तब से बलबीर परेशान रहने लगा था। माता-पिता की मौत से बलबीर भीतर ही भीतर टूट सा गया था। वो हर वक्त अकेलापन महसूस करता था, लेकिन अपने दर्द को किसी के साथ साझा नहीं कर सका। बलबीर हल्द्वानी में अपने चाचा के साथ रह रहा था। सोमवार को न जाने ऐसा क्या हुआ, जिसने बलबीर को अपनी जान देने पर मजबूर कर दिया। डिप्रेशन से जूझ रहे बलबीर ने अचानक आत्मघाती कदम उठा लिया
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परिजनों ने बताया कि बलबीर अल्मोड़ा की एक निजी कंपनी में कार्यरत था। उसका प्रमोशन होने वाला था। दो दिन बाद उसे इंटरव्यू के लिए देहरादून जाना था। वो कुछ दिन पहले ही हल्द्वानी के लामाचौड़ स्थित घर आया था। पुलिस के अनुसार युवक पारिवारिक कारणों के चलते डिप्रेशन में था। डिप्रेशन से निजात पाने के लिए वो दवाइयों का सेवन भी कर रहा था, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। सोमवार को डिप्रेशन से जूझ रहे बलबीर ने घर की लॉबी में फांसी का फंदा लगाया और उस पर झूल गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। डिप्रेशन एक ऐसा विषय है जिसे आज भी लोग बीमारी नहीं मानते, न ही इस पर बात करते हैं। अगर आपके आस-पास कोई अपना हर वक्त उदास रहता हो, दोस्तों-परिवार से अलग रह रहा हो तो ऐसे शख्स से दूरी न बनाएं। हो सकता है वो डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसका दर्द साझा करें। साथ ही डॉक्टर की मदद लेना न भूलें।