उत्तराखंड देहरादूनBrojback tree snake found in dehradun

देहरादून में पहली बार दिखा उड़ने वाला सांप, कड़ी मशक्कत के बाद हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

राजधानी देहरादून में पहली बार देखा गया उड़ने वाला सांप। डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन।

Dehradun brojback snake: Brojback tree snake found in dehradun
Image: Brojback tree snake found in dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: राजधानी देहरादून में पहली बार वन विभाग ने बेहद दुर्लभ प्रजाति का एक सांप पकड़ा है जिसको उड़ने वाला सांप भी कहा जाता है। जी हां, वन विभाग ने दुर्लभ प्रजातियों में शुमार ब्रोजबैक ट्री स्नेक को पकड़ा है। इस प्रजाति के सांप बेहद फुर्तीले होते हैं और एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर लंबी छलांग लगाने के लिए भी जाने जाते हैं। भारी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने दिलाराम चौक के आश्रम रोड से इस सांप को पकड़ा। फुर्तीला होने के कारण वन विभाग के अधिकारियों को सांप का रेस्क्यू करने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा और डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है। इस प्रजाति का सांप आज से पहले देहरादून में कभी नहीं देखने को मिला है। यह सांप दिलाराम चौक सेवक आश्रम रोड के निवासी अतुल गंभीर के घर पर मिला। बता दें कि अतुल के घर पर कुछ निर्माण कार्य के चलते मजदूर पहली मंजिल पर काम कर रहे थे। इसी बीच मजदूरों ने जैसे ही बल्लियां एवं कुछ सामान उठाया तो ऊपर से ही जमीन पर एक अजीबो गरीब सांप ने छलांग लगा दी और सभी मजदूरों के बीच में हड़कंप मच गया।

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अतुल गंभीर ने तत्काल रुप से इस बात की जानकारी वन विभाग को दी और वन विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने जैसे ही सांप को देखा तो वे भी हैरान रह गए क्योंकि ऐसा सांप उन्होंने पहली बार देखा था। विशेषज्ञों ने जैसे ही सांप को पकड़ना चाहा तो वह एक जगह से दूसरी जगह पर छिपता रहा और वरिष्ठ अधिकारियों को काफी परेशान किया। डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वे सांप को पकड़ने में सफल हुए और उन्होंने उसे सुरक्षित ले जाकर जंगलों में छोड़ दिया। रेस्क्यू टीम में शामिल विशेषज्ञ रवि जोशी के अनुसार ब्रोजबैक ट्री स्नेक राजधानी में पहली बार पकड़ा गया है

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आपको बता दें कि सांप की यह प्रजाति घने जंगलों के बीच पेड़ों की ऊंची डाली पर पाई जाती है और यह सांप उड़ने वाले सांप इसलिए कहलाए जाते हैं क्योंकि यह एक डाली से दूसरे डाली के बीच लंबी छलांग लगा सकते हैं। इतना ही नहीं यह खतरा होने पर अपना रूप बदल लेते हैं और अपने शरीर को बेहद पतला कर लेते हैं और वह पेड़ों की डालियों से इस तरह चिपक जाते हैं जैसे वह पेड़ की डाली का ही हिस्सा हों। यह सांप जहरीले नहीं होते और अन्य सांपों के मुकाबले इन सांपों की आंखें बेहद बड़ी होती हैं और पूंछ बेहद लंबी और तार जैसी पतली होती है। यह सांप अमूमन बांग्लादेश, भारत, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों में पाए जाते हैं। वन विभाग की टीम ने सांप को पकड़ कर जंगलों में सुरक्षित छोड़ दिया है।