उत्तराखंड हल्द्वानीLack of water in Haldwani

उत्तराखंड: बूंद-बूंद को तरस सकता है हल्द्वानी...गौला नदी ने दिया खतरे का सिग्नल

इस बार गर्मियों में हल्द्वानी में में मौजूद लाखों की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस सकती है। गौला नदी का जलस्तर लगातार गिर रहा है जिसका असर सीधे तौर पर हल्द्वानी की जनता पर पड़ेगा।

Haldwani News: Lack of water in Haldwani
Image: Lack of water in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: हल्द्वानी के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। मगर इस बार गर्मियों में हल्द्वानी को पेयजल के संकट का सामना करना पड़ सकता है। जी हां, हल्द्वानी में मौजूद लाखों की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्द्वानी के लिए एकमात्र पानी का स्त्रोत गौला नदी का जलस्तर लगातार गिर रहा है जिसका असर सीधे तौर पर हल्द्वानी की जनता पर पड़ेगा। पिछले सालों के मुकाबले इस साल गौला नदी के जल स्तर में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे पानी की सप्लाई पर असर पड़ेगा और इसका असर सीधे तौर पर हल्द्वानी की जनता पर पड़ेगा और जनता बूंद-बूंद के पानी की मोहताज हो सकती है।

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मिली गई जानकारी के मुताबिक एक हफ्ते पहले गौला नदी का जलस्तर नापा गया था और नदी के जलस्तर में 4 क्यूसेक की कमी आई है। पिछले हफ्ते गोला नदी का जलस्तर 77 क्यूसेक था और अब 70 क्यूसेक दर्ज किया गया है। पिछले साल से इसकी तुलना की जाए तो गौला नदी का जल स्तर 250 क्यूसेक से ऊपर था जो कि अब 70 क्यूसेक रह गया है। जी हां, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई और जून की भीषण गर्मी में हल्द्वानी जिले के निवासियों को किस हद तक दिक्कत आने वाली है। आपको बता दें कि हल्द्वानी का पेयजल और सिंचाई पूरी तरह से गौला नदी के ऊपर निर्भर है। अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय श्रीवास्तव का कहना है कि पहाड़ों पर कम बरसात और बर्फबारी के कारण गौला नदी में आने वाले पानी में भारी गिरावट दर्ज की गई है और इसका सीधा असर इस बार हल्द्वानी शहर के लाखों की आबादी पर पड़ेगा।

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आपको बता दें कि हल्द्वानी शहर को पेयजल की आपूर्ति के लिए रोजाना 30 क्यूसेक और सिंचाई के लिए 47 क्यूसेक पानी की आवश्यकता पड़ती है। लिहाजा लगातार कम हो रहे जलस्तर को देखकर पेयजल संस्थान के अधिकारी भी बेहद चिंतित हो रखे हैं। अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर शहर में लगे ट्यूबवेल के जल स्तर पर भी निगरानी बनाई जा रही है। अगर ट्यूबवेल का जलस्तर भी गिर जाता है तो अतिरिक्त पाइप लाइन डालकर शहर की पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर इस बीच बरसात हुई तो नदी का जलस्तर बढ़ सकता है और पेयजल के दिक्कत में कुछ हद तक सुधार हो सकता है लेकिन अगर बरसात नहीं हुई तो पानी की किल्लत हो जाएगी और हल्द्वानी के लोगों को मई और जून की भीषण गर्मी में पानी की समस्या का सामना करना पड़ जाएगा। अगर अधिकारियों ने अभी से तैयारी नहीं की तो लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसना पड़ सकता है।