उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालDead people taking benefits of government policies in pauri garhwal

गढ़वाल में गजब हाल है, यहां मुर्दे भी ले रहे हैं सरकारी योजनाओं का लाभ

यहाँ पर मुर्दो को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान ने 6 साल पहले मर चुके व्यक्ति से भी मनरेगा में मजदूरी कराई है और भुगतान भी किया है।

Pauri garhwal news: Dead people taking benefits of government policies in pauri garhwal
Image: Dead people taking benefits of government policies in pauri garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोखरी में अजब गजब मामला प्रकाश में आया है, यहाँ पर मुर्दो को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान ने 6 साल पहले मर चुके व्यक्ति से भी मनरेगा में मजदूरी कराई है और भुगतान भी किया है। विभाग की ओर से की गई जांच में पूरे प्रकरण की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही पूर्व प्रधान ने अपने कार्यकाल में होमगार्ड को भी मनरेगा कार्यो का भुगतान किया है। वहीं पूरे प्रकरण पर जिलाधिकारी पौड़ी ने पूर्व प्रधान को नोटिस भेजकर 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है यदि उक्त समय के अंदर जवाब नही दिया जाता है तो पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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पौड़ी के पोखरी ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान नरेंद्र प्रसाद मंमगाई की ओर से मनरेगा के कार्यो में भारी अनियमितता की गयी है। जिसकी पुष्टि विभागीय जांच में हो चुकी है। वहीं डीपीआरओ एमएम खान की ओर से बताया गया कि पूर्व प्रधान ने मनरेगा में एक ऐसे व्यक्ति को भी भुगतान किया है जिसकी मृत्यु 6 वर्ष पहले हो चुकी है। मृृत व्यक्ति को 15 मार्च 24 मार्च साल 2015 तक 10 दिनों का 1740 रुपये का भुगतान किया गया है जबकि साल 2011 में इस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। इसके अलावा ग्राम प्रधान ने होमगार्ड में कार्यरत एक व्यक्ति को भी मनरेगा कार्यो का भुगतान किया है जबकि नियमानुसार होमगार्ड में तैनात व्यक्ति मनरेगा श्रमिक नहीं बन सकता। इसके अलावा एक श्रमिक को एक ही तिथि पर दो कार्यो का भुगतान किया गया है। जो कि संभव नहीं है। डीपीआरओ ने बताया कि पूर्व ग्राम प्रधान कि ओर से जो अनिमियता की गई है इसकी पुष्टि विभागीय जांच में हो चुकी है। पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी पौड़ी डा. विजय कुमार जोगदंडे को सौंप दी गई है। वहीं जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने पूर्व प्रधान को नोटिस जारी की 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है। यदि तय समय पर नोटिस का जवाब नही दिया जाता है तो एक तरफा कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है।