अल्मोड़ा: उत्तराखंड के युवा देश के कोने-कोने में राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। अपनी प्रतिभा और मेहनत से देवभूमि के महत्वकांक्षी युवा ऊंचे-ऊंचे मुकाम प्राप्त कर रहे हैं। आज हम आपका परिचय उत्तराखंड की एक ऐसी ही प्रतिभाशाली और महत्वाकांक्षी बेटी से करवाने जा रहे हैं जो कि केरल में एसडीएम बन गई हैं। हम बात कर रहे हैं अल्मोड़ा जिले की निवासी श्वेता नागरकोटी की जो कि केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की उप जिला अधिकारी बन गई हैं। बता दें कि श्वेता ने 2020 में केरल कैडर से यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। श्वेता नागरकोटी अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा की मूल निवासी हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और बुलंद हौसलों से 2020 में केरल से यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और 410 वां रैंक हासिल किया था। उन्होंने लगातार संघर्ष किया और सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस का मुकाम हासिल किया।
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श्वेता के केरल के तिरुवनंतपुरम में उप जिला अधिकारी बनने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है और उनके नाते-रिश्तेदारों और मित्रों से उनको बधाई संदेश का तांता लगा हुआ है। उनके मूल निवास अल्मोड़ा लमगड़ा में जश्न का माहौल पसर गया है। सबकी जुबान पर केवल श्वेता का ही नाम है और सब लोगों का यही कहना है कि पहाड़ की बेटी ने पहाड़ों का नाम एक बार फिर से रोशन कर दिया है। श्वेता नागरकोटी ने कड़ी मेहनत कर 2020 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस का मुकाम हासिल किया था। बता दें कि उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई गाजियाबाद से की, जिसके बाद उन्होंने बीएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई की और फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की।
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पहले प्रयास में उनको असफलता मिली मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दूसरे प्रयास में दोगुनी मेहनत कर यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर ली और ऑल इंडिया 410 वीं रैंक प्राप्त कर अपने परिवार और देवभूमि का नाम रोशन किया। आपको बता दें कि श्वेता के पिता निजी कंपनी में कार्यरत हैं और उनकी माता ग्रहणी हैं और श्वेता के छोटे भाई सौरव अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हैं। अल्मोड़ा जिले की श्वेता नागरकोटी केरल के तिरुवनंतपुरम में उप जिला अधिकारी बन गई हैं और उन्होंने अल्मोड़ा समेत देवभूमि का नाम रौशन किया और अब वे वहां पर एसडीएम बन कर अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी। श्वेता अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उन्होंने कहा है कि उनके माता-पिता ने कदम-कदम पर उनको प्रोत्साहित किया और पढ़ाई में बाधा नहीं आने दी। राज्य समीक्षा की समस्त टीम श्वेता नागरकोटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है।