उत्तरकाशी: कोरोना के बढ़ते कहर के बीच उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके कुदरत की मार से बेहाल हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी बारिश पहाड़ी क्षेत्रों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कई जगह बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। भूस्खलन की वजह से सड़कों पर मलबा जमा है, जिससे कई क्षेत्रों में संचार सेवाएं बाधित हैं। गुरुवार को उत्तरकाशी जिले में भी आकाशीय बिजली गिरने से बड़ा हादसा हो गया। यहां एक गांव में लकड़ी के घर पर बिजली गिरने से दो लोग झुलस गए। एक मवेशी की मौत की खबर है। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और घटना को लेकर जानकारी जुटाई। हादसा सुदूरवर्ती मोरी तहसील के दूरस्थ लिवाड़ी गांव में हुआ। गुलिवाड़ी गांव की जयदेवी पत्नी बुद्धि सिंह तथा जयदेवी का छोटा भाई जगवीर व अन्य ग्रामीणों के साथ मवेशियों को लेकर जंगल जा रहे थे। गांव से तीन किलोमीटर दूर घटूगाड़ के जंगल में पहुंचे तो तेज बारिश शुरू हुई। बारिश से बचने के लिए जयदेवी और जगवीर सिंह मवेशियों को लेकर पेड़ों की आड़ में आए। उसी दौरान आकाशीय बिजली गिरी। जिसकी चपेट में आकर एक गाय के बछड़े की घटना स्थल पर ही मौत हुई। जबकि जयदेवी और जगवीर सिंह झुलस का बेसुद हो गए।
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घायलों में जयदेवी पत्नी बुद्धि सिंह, उम्र 40 वर्ष और 24 वर्षीय जगवीर सिंह शामिल हैं। हादसे की सूचना मिलने पर राजस्व विभाग और एसडीआरएफ की टीम तुरंत एंबुलेंस लेकर घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को इलाज मुहैया कराया। तहसील प्रशासन के अनुसार बिजली गिरने से झुलसे लोग खतरे से बाहर हैं। तहसीलदार चमन सिंह ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण अक्सर बिजली गिरने का खतरा बना रहता है। अधिक ऊंचाई पर होने के कारण इन गांवों में पहले भी बिजली गिरने की वजह से हादसे हो चुके हैं। फिलहाल राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आंकलन कर रही है। बता दें कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में इन दिनों बारिश का दौर जारी है। बादल फटने से कई जगह हादसे हो चुके हैं। मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है।