उत्तराखंड चमोलीBridge damaged at Chamoli

चमोली जिले में फिर दिखा धौली गंगा का विकराल रूप.. मलारी में क्षतिग्रस्त हुआ झूला पुल

आपदा के दौरान भंग्यूल स्थित पुराना झूला पुल सैलाब की भेंट चढ़ गया था। तब उसकी जगह लोनिवि ने नए पुल का निर्माण किया। ये पुल डेढ़ महीने पहले ही बनकर तैयार हुआ था।

Chamoli news: Bridge damaged at Chamoli
Image: Bridge damaged at Chamoli (Source: Social Media)

चमोली: चमोली में लगातार जारी बारिश के चलते धौलीगंगा नदी एक बार फिर उफान पर है। तपोवन-रैणी क्षेत्र में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसने ग्रामीणों को बुरी तरह डरा दिया है। यहां धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ने से भंग्यूल स्थित झूला पुल का एबेटमेंट बहने से उसका एक हिस्सा लटक गया है। पुल की हालत देख ग्रामीण सहमे हुए हैं। डर के मारे उन्हें रात को नींद भी नहीं आ रही। बता दें कि तपोवन-रैणी वही इलाका है, जहां बीते 7 फरवरी को ग्लेशियर फटने के बाद जल प्रलय आई थी। इस जल प्रलय से पूरे इलाके में हाहाकार मच गया था। पानी का वेग इतना ज्यादा था कि तमाम लोग लापता हो गए। बाद में इनमें से कई के शव बरामद हुए थे। कई लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। आपदा के दौरान भंग्यूल स्थित झूला पुल भी सैलाब की भेंट चढ़ गया था। तब उसकी जगह लोनिवि ने नए पुल का निर्माण कराया।

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नया पुल डेढ़ महीने पहले ही बनकर तैयार हुआ था, लेकिन पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के बाद मलारी घाटी में धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ने से इस पुल को भारी नुकसान हुआ है। गुरुवार को झूला पुल का एक तरफ का एबेटमेंट बह गया। जिससे भंग्यूल समेत तीन गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि भंग्यूल झूला पुल नदी के कटाव से क्षतिग्रस्त हुआ है। प्रशासन की टीम मौके पर भेजी जा रही है। जल्द ही पुल की मरम्मत करा दी जाएगी। बता दें कि अन्य पहाड़ी जिलों की तरह चमोली में भी भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। यहां लामबगड़ नाला भारी बारिश से उफान पर हैं। इस कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। जिले के दशोली, घाट और जोशीमठ ब्लॉक के करीब 350 गांवों में बिजली सप्लाई भी ठप पड़ी हुई है।