नैनीताल: साल 2013...एक हॉलीवुड फिल्म आई थी ‘बैटल डॉग्स’। फिल्म कुत्तों के हिंसक व्यवहार पर बेस्ड थी। इंसान के सबसे वफादार दोस्त समझे जाने वाले ये कुत्ते अचानक लोगों की जान लेने लगते हैं। अब आते हैं उत्तराखंड में, साल 1978 तक उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क समेत कई इलाकों में इसी तरह के खूंखार कुत्तों का आतंक था। इन्हें सोन कुत्ते या Cuon alpinus या indian wild dog भी कहा जाता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.वाईबी झाला बताते हैं कि सोन कुत्तों का बसेरा एक दौर में राजाजी टाइगर रिजर्व के अलावा पूर्वी तराई क्षेत्र में था, लेकिन 1990 में ये विलुप्त हो गए। तब से माना जा रहा था कि सोन कुत्ते उत्तराखंड के जंगलों से लगभग विलुप्त हो गए हैं। डॉ.झाला बताते हैं कि सोन कुत्ता सामान्य कुत्तों की भांति भौंकता नहीं, बल्कि सीटी बजाने जैसी आवाज निकालता है। झुंड में रहने वाले सोन कुत्तों का भी पूरी तरह से एक सामाजिक सिस्टम होता है। झुंड में ही ये जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। लेकिन अब इन्हें लेकर एक खबर आई है। कॉर्बेट नेशनल पार्क में विलुप्त प्राय हो चुके बेहद खूंखार जंगली सोन कुत्ते की तरह कुछ वन्यजीव नजर आए हैं। पार्क प्रशासन इनकी खोज के लिए बड़े स्तर पर शोध शुरू करने जा रहा है।
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इसके तहत जंगल में कैमरे लगाकर सोन कुत्तों का पता लगाया जाएगा। ट्रैप कैमरों के जरिए इनकी पहचान, संख्या और आदत का पता लगाया जाएगा। अफसरों को शक है कि पार्क में आज भी जंगली सोन कुत्ते हो सकते हैं। वन विभाग के रिकॉर्ड में साल 1978 में सोन कुत्तों के पार्क के जंगल में होने का जिक्र मिलता है। 1990 के बाद ये विलुप्त हो गए।उस वक्त पहाड़ के जंगलों में इनकी बड़ी तादाद थी। खासकर कॉर्बेट में उनके झुंड नजर आते थे। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक ये कुत्ते इतने खूंखार थे कि मवेशियों के अलावा मानवों पर भी हमला करने लगे थे। सरकार ने इन्हें मारने वालों को इनाम तक देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद जंगलों से कुत्तों की ये खूंखार प्रजाति गायब हो गई। अब कॉर्बेट निदेशक राहुल ने बताया कि ढेला समेत पार्क में कुछ जगहों पर सोन कुत्ते की तरह वन्यजीव दिखे हैं, हालांकि दूरी अधिक होने की वजह से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। कॉर्बेट में इनके होने की पूरी संभावना है, ऐसे में इनकी खोज के लिए बड़े स्तर पर शोध शुरू किया जाएगा।