देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के हाल पहले ही बुरे थे, रही-सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी। ऑनलाइन पढ़ाई का हाल आप जानते ही होंगे। नेटवर्क के लिए छात्र एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ के चक्कर लगाते दिखते हैं। स्कूलों पर ताला लगा है। जिन शिक्षकों पर ऑनलाइन पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी है, उनमें से भी ज्यादातर बच्चों को सिर्फ होमवर्क देकर इतिश्री कर रहे हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। 12 जुलाई से शिक्षकों को स्कूल जाकर हाजिरी लगानी होगी। शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। आज शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें कल से सभी सरकारी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया। माना जा रहा है कि कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूल कल से खुल जाएंगे। फिलहाल 12 जुलाई से स्कूल सिर्फ शिक्षकों के लिए खुलेंगे। उन्हें ड्यूटी पर आना होगा। छात्रों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय केंद्रीय गाइडलाइन जारी होने के बाद लिया जाएगा।
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शिक्षकों को छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा छात्रों को गूगल प्ले से पढ़ने का ऑप्शन भी दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि अधिकारियों संग बैठक के बाद 12 जुलाई से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर आज शाम तक आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे। फिलहाल छात्रों के लिए स्कूल नहीं खुलेंगे। इसका निर्णय मुख्यमंत्री से बातचीत करने के बाद लिया जाएगा। बहरहाल शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद महकमे में हड़कंप मचा है। लंबे समय से घर बैठे शिक्षकों को भी टेंशन सताने लगी है। उन्हें 12 जुलाई से फिर ड्यूटी पर लौटना होगा। बता दें कि पिछले साल कोरोना की एंट्री के बाद मार्च से सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। बाद में नवंबर महीने में जैसे-तैसे स्कूलों को खोलने की शुरुआत हुई थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते एक बार फिर स्कूलों पर ताले लटक गए। पहाड़ी गांवों में हाल और बुरे हैं। यहां नेटवर्क की समस्या के चलते छात्र ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे।