उत्तराखंड हरिद्वारWoman tortured for dowry in Haridwar

उत्तराखंड: दहेज में कार नहीं मिली तो बहू को घर से निकाला, जहर देकर मारने की कोशिश

आरोप है कि ससुराल वालों ने विवाहिता को जहर देकर मारने की कोशिश भी की। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने उसके पति और सास के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

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Image: Woman tortured for dowry in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: महिलाओं को दहेज प्रताड़ना से बचाने के लिए कड़े कानून बने हैं। फिर भी बेटियां दहेज के लिए जलाई जा रही हैं, सताई जा रही हैं। मामला हरिद्वार का है। जहां दहेज में कार न मिलने पर ससुराल वालों ने विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। आरोप है कि ससुराल वालों ने विवाहिता को जहर देकर मारने की कोशिश भी की। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने उसके पति और सास के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित विशाखा यादव ज्वालापुर की लाल मंदिर कॉलोनी में रहती है। पुलिस को दी गई शिकायत में विशाखा ने बताया कि 7 दिसंबर 2015 को उसकी शादी मुंबई में रहने वाले अमित यादव के साथ हुई थी। शादी में मायके वालों ने 12 से 13 लाख रुपये खर्च किए, फिर भी ससुराल वाले उसे दहेज के लिए ताने देते रहे। शादी के बाद से ही पति अमित और सास सावित्री देवी कम दहेज लाने के ताने देते हुए विशाखा को प्रताड़ित करने लगे।

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वो दहेज में कार की मांग कर रहे थे। गृहस्थी बचाए रखने के लिए विशाखा सबकुछ सहती रही। शादी के तीन साल बाद ससुराल वालों ने दहेज के लिए विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। उस वक्त विशाखा गर्भवती थी, पर ससुराल वालों को उस पर रहम नहीं आया। साल 2019 में विशाखा ने बेटी को जन्म दिया, लेकिन पति और ससुराल वाले बच्चे को देखने तक नहीं आए, वो कार की डिमांड पर अड़े हुए थे। मायके वालों ने कुछ समय की मोहलत मांगी, तब कहीं जाकर ससुराल वाले विशाखा को घर में रखने को तैयार हुए। आरोप है कि ससुराल वालों ने उसे जहर देकर मारने की कोशिश भी की। कार नहीं मिली तो विशाखा को मारपीट कर घर से निकाल दिया। अब पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।