टिहरी गढ़वाल: बरसात में पहाड़ के जंगलों में उगने वाले च्यूं यानि जंगली मशरूम को लोग बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन कई बार च्यूं जहरीला होता है, जिसके सेवन से लोगों की जान तक चली जाती है। दुर्भाग्य से उत्तराखंड में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों टिहरी में जहरीले च्यूं के सेवन से पिता-बेटी की मौत हो गई थी। अब यहां ऐसी ही घटना एक बार फिर सामने आई है। प्रतापनगर के सुकरी गांव में जंगली मशरूम खाने से बीमार दादा, दादी और उनकी पोती की मौत हो गई। इन तीनों को हालत बिगड़ने के बाद 16 अगस्त को एम्स ऋषिकेश में एडमिट कराया गया था। आज उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। 62 साल के सुंदरलाल सेमवाल, उनकी पत्नी 56 वर्षीय विमला देवी और 13 साल की पोती सलोनी सेमवाल टिहरी के सुकरी गांव में रहते थे।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - देहरादून में बेरहम मां ने सड़क किनारे फेंकी नवजात बच्ची, पुलिस के जवानों ने बचाई जान
12 अगस्त की रात इन्होंने अपने घर में रात के खाने में जंगली मशरूम बनाया। जिसे स्थानीय भाषा में च्यूं या चुंई कहते हैं। परिवार के सभी लोगों ने साथ में बैठकर खाना खाया, लेकिन थोड़ी देर बाद दादा-दादी और सलोनी की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजनों ने तीनों को वहीं के स्थानीय डॉक्टर को दिखाया, लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। हालत बिगड़ने लगी तो 16 अगस्त को परिजन उन्हें एम्स हॉस्पिटल लेकर आए। यहां तीनों का कई दिनों तक आईसीयू में इलाज चलता रहा, लेकिन अफसोस कि वो बच नहीं सके। तीनों की आज ऋषिकेश एम्स में मौत हो गई। तीन सदस्यों की अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों के आंसू नहीं थम रहे। बता दें कि एक हफ्ते पहले प्रतापनगर के खोलगढ़ गांव में रहने वाले 47 वर्षीय चमन सिंह और उनकी 13 साल की बेटी आशा की भी जहरीले मशरूम के सेवन के चलते मौत हो गई थी।