उत्तराखंड टिहरी गढ़वालCrack in the mastic of Dobra Chanti Bridge

गढ़वाल: देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज की मास्टिक में पड़ी दरार, 10वें महीने में ये हाल

डोबरा-चांठी पुल के मास्टिक में निर्माण के 9 महीने के बाद ही पड़ीं दरारें, सवालों के घेरे में आई निर्माणदायी कंपनी, विकास के नाम पर जनता के साथ आखिर कबतक यह घिनौना मजाक होगा?

dobra chanti bridge: Crack in the mastic of Dobra Chanti Bridge
Image: Crack in the mastic of Dobra Chanti Bridge (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: पिछले साल नवंबर की ही बात है .. नई टिहरी के निवासियों के हिस्से भारत का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी पुल अनमोल तोहफे के रूप में आया था। मगर 9 महीने के भीतर ही पुल की सच्चाई सबके सामने आ गई है। उद्घाटन को साल भर भी नहीं हुआ है और डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने लगी हैं। ऐसे में निर्माणदाई गुप्ता कंपनी सवालों के घेरे में आ चुकी है और स्थानीय लोगों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है। जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। और करे भी क्यों न। यह टिहरी की जनता की उम्मीदों का पुल है। 15 साल से इस पुल के निर्माण को लेकर टिहरी की जनता ने लंबी लड़ाई लड़ी है। 15 साल के बाद इस पुल ने आकार लिया है। यह पुल टिहरी की जनता का संघर्ष है। बीते 8 नवंबर को उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया था उस समय भी इस बीच पर दरार पड़ी थी जिसको कंपनी ने उसी समय ठीक करवा दिया था मगर एक बार फिर से मास्टिक में दरारें पड़ गई हैं जिसके बाद निर्माणदाई गुप्ता कंपनी की सच्चाई सबके सामने आ गई है और उसकी घटिया कार्यप्रणाली की असलियत से भी पर्दा फाश हो चुका है।

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साल भर के भीतर ही सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने से जनता के अंदर आक्रोश साफ तौर पर आक्रोश दिखाई दे रहा है। लोग गुप्ता कंपनी के ऊपर तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं और इसी के साथ कंपनी के खिलाफ जांच की मांग भी कर रहे हैं। निर्माण कार्य में घटिया माल इस्तेमाल करना ऐसी कंपनियों की पुरानी आदत है। देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज की असलियत भी आखिरकार सबके सामने आ गई है। ब्रिज पर पड़ीं दरारें यह सबूत हैं कि निर्माणदाई कंपनी ने घटिया माल के साथ पुल का निर्माण किया है और यही कारण है कि यह पुल साल भर भी टिक नहीं पाया और अभी से इसमें दरारें पड़ने शुरू हो गईं। प्रताप नगर के लोगों ने मांग की है कि गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच होना चाहिए। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता राजेश्वर पैन्यूली ने कहा है कि प्रताप नगर की जनता की सुरक्षा को देखते हुए कंपनी और सरकार द्वारा पुल की थर्ड पार्टी से जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कहने को तो यह पुल पूरे देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है मगर अभी तक इसकी जांच थर्ड पार्टी से नहीं करवाई गई है। उन्होंने कहा कि डोबरा चांठी पुल को बिना थर्ड पार्टी की जांच करवाए वाहनों के लिए खोल दिया गया है और अब पुल के मास्टिक में दरारें पड़ रही हैं जो कि खतरे का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि पुल की जांच होनी चाहिए ताकि लोग सुरक्षित रह सकें और कोई भी बड़ा हादसा न हो। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि पुल के ऊपर मास्टिक पर पड़ी दरारों को ठीक करने के लिए कंपनी के कर्मचारियों को निर्देश दे दिए हैं।