उत्तराखंड देहरादूनmother vehicle tax increases from up to uttarakhand

UP से उत्तराखंड आने के लिए लगेगा ज्यादा किराया, 6 गुना तक बढ़ा मोटर व्हीकल टैक्स

टैक्स बढ़ाने से राजस्व जरूर बढ़ेगा, लेकिन आम यात्रियों की जेब कटेगी। क्योंकि रोडवेज बसों पर टैक्स बढ़ेगा, तो उसकी वसूली किराया बढ़ाकर की जाएगी।

Up moter vehicle tax: mother vehicle tax increases from up to uttarakhand
Image: mother vehicle tax increases from up to uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना काल में महंगाई चरम पर है। सब्जी से लेकर डीजल-पेट्रोल तक के दाम आसमान छू रहे हैं, अब बसों का सफर भी महंगा हो गया है। उत्तराखंड में रोडवेज बसों, विक्रम और ऑटो का किराया बढ़ाने की तैयारी है। यात्रियों को उत्तराखंड रोडवेज के साथ यूपी रोडवेज में सफर के लिए भी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। दरअसल कैबिनेट ने मंगलवार को रोडवेज और दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाली बसों का टैक्स यूपी के समान कर दिया है। इससे उत्तराखंड आने वाली यूपी रोडवेज की बसों को चार से छह गुना मोटर व्हीकल टैक्स चुकाना होगा। जिससे राज्य का सालाना राजस्व कम से कम 40 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगा। टैक्स बढ़ाने से राजस्व जरूर बढ़ेगा, लेकिन आम यात्रियों की जेब कटेगी। क्योंकि रोडवेज बसों पर टैक्स बढ़ेगा, तो उसकी वसूली किराया बढ़ाकर की जाएगी। बता दें कि उत्तराखंड में सामान्य बस के लिए प्रति सीट प्रतिमाह 85 रुपये टैक्स तय है।

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एसी गाड़ी होने पर इसमें 25 फीसदी अतिरिक्त टैक्स शुल्क बढ़ जाता है। इस तरह एसी गाड़ी पर प्रति सीट प्रतिमाह 106 रुपये टैक्स लागू है। दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाली बसें इसी रेट पर टैक्स चुकाती थीं, जबकि दूसरे राज्यों में टैक्स स्लैब काफी ज्यादा है। नई व्यवस्था के अनुसार उत्तराखंड आने वाली बसों का टैक्स यूपी के समान कर दिया गया है। इस तरह दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को भी 400 और 600 रुपये के हिसाब से उत्तराखंड को टैक्स चुकाना होगा। नई व्यवस्था से उत्तराखंड रोडवेज को भी तगड़ा झटका लगेगा। उत्तराखंड रोडवेज पहले ही मंदी से जूझ रहा है। अब तक रोडवेज परिवहन विभाग को 85 और 106 रुपये के हिसाब से टैक्स देता था, लेकिन अब उसे भी नई व्यवस्था के अनुसार टैक्स चुकाना होगा। टैक्स बढ़ने का सीधा असर यात्री किराये की बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिलेगा।