उत्तराखंड चमोलीjoshimath sinking water leak latest update

जोशीमठ: पहले भूधंसाव और अब बर्फबारी ने बढ़ाई परेशानी, पानी का रिसाव बढ़ा

joshimath latest update बारिश से भवनों और भूमि की दरारों में पानी रिसने से भूधंसाव की आशंका गहरा गई है।

Joshimath sinking latest update: joshimath sinking water leak latest update
Image: joshimath sinking water leak latest update (Source: Social Media)

चमोली: पहले भूधंसाव और अब बारिश-बर्फबारी...जोशीमठ वासियों की परेशानी का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा।

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शुक्रवार को हुई बारिश और बर्फबारी से पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसने यहां रहने वाले परिवारों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। बर्फबारी से आम लोगों की मुश्किलें ही नहीं बढ़ी हैं, बल्कि अधिकारियों की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति बढ़ गई है। एक दिन पहले यहा 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो शुक्रवार को 250 एलपीएम दर्ज किया गया। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवतः बारिश के कारण रिसाव बढ़ गया है। लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। बर्फबारी से भवनों और भूमि की दरारों में पानी रिसने से भूधंसाव की आशंका गहरा गई है। अगर ऐसा हुआ तो असुरक्षित भवनों के आसपास सुरक्षित भवनों को भी खतरा हो सकता है।

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जोशीमठ में कुल दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है। इनमें से 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। शुक्रवार को सचिवालय में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ के हालात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में राहत शिविरों में कमरों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है। चार वार्डों में 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। यहां के 269 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किए गए हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़कर अब 900 हो गई है। शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के बाद आपदा राहत कार्यों में व्यवधान पड़ा, लेकिन सभी कार्य सुचारू रूप से किए जा रहे हैं। भूधंसाव के कारण आपदा प्रभावितों के लिए जोशीमठ से एक किलोमीटर पहले टीसीपी तिराहे के पास उद्यान विभाग की भूमि पर मॉडल प्री-फेब्रीकेटेड भवन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।