उत्तराखंड ऋषिकेशRishikesh Gyan Kartar Public School Giving Free Education To Poor Kids

उत्तराखंड के इस स्कूल ने पेश की मिसाल, गरीब बच्चों को दी जाती है फ्री शिक्षा और सारी सुविधाएं

ऋषिकेश का ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल बिजनेस सेंटर बन चुके स्कूलों को आईना दिखाने का काम कर रहा है।

Rishikesh Gyan Kartar Public School: Rishikesh Gyan Kartar Public School Giving Free Education To Poor Kids
Image: Rishikesh Gyan Kartar Public School Giving Free Education To Poor Kids (Source: Social Media)

ऋषिकेश: आज के दौर में स्कूल शिक्षा के मंदिर कम और बिजनेस सेंटर ज्यादा नजर आते हैं। कभी फीस तो कभी एक्स्ट्रा एक्टिविटीज के नाम पर अभिभावकों के खून-पसीने की कमाई हड़प ली जाती है

Rishikesh Gyan Kartar Public School

ऐसे दौर में ऋषिकेश का ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल बिजनेस सेंटर बने स्कूलों को आईना दिखाने का काम कर रहा है। इस स्कूल में गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। स्कूल में वो बच्चे पढ़ते हैं, जिनके माता-पिता फीस भरने में असमर्थ हैं। ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल के मालिक गुरविंदर सलूजा हैं। वो बताते हैं कि मां के निधन के बाद उन्होंने पिता का एकाकीपन दूर करने के लिए आश्रम बनाया था। इस दौरान उन्हें गरीब बच्चों के लिए स्कूल बनाने का विचार आया। इस तरह ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल की स्थापना हुई। गुरविंदर एक बिजनेसमैन हुआ करते थे। आश्रम बनने के बाद उनका ऋषिकेश आना-जाना लगा रहता था। इस दौरान उन्हें पता चला कि क्षेत्र में ऐसे कई बच्चे हैं, जिनके माता-पिता उन्हें स्कूल नहीं भेज सकते।

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तब साल 2018 में उन्होंने ऐसे बच्चों के लिए ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल की स्थापना की। गुरविंदर सलूजा ने बताया कि उन्होंने अपने पिता के नाम से ज्ञान और माता के नाम से करतार शब्द लेकर इस स्कूल का नाम रखा। शुरुआत में 37 बच्चों ने यहां दाखिला लिया। वर्तमान में स्कूल में करीब 200 बच्चे पढ़ रहे हैं। इस स्कूल में एलकेजी से लेकर चौथी तक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। साथ ही फ्री स्कूल यूनिफॉर्म, बैग और नई किताबें भी मिलती हैं। बच्चों के लिए यहां लाइब्रेरी, कंप्यूटर क्लास और प्ले ग्राउंड की सुविधा भी उपलब्ध है। स्कूल में केवल उन्हीं बच्चों को एडमिशन मिलता है, जिनके माता-पिता महीने का केवल 10 हजार कमाते हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए 10 शिक्षकों और प्रिंसिपल समेत 4 हेल्पिंग स्टाफ की तैनाती की गई है। गरीब बच्चों को शिक्षा दे रहा ये स्कूल आज दूसरे स्कूलों के लिए मिसाल बन गया है।