उत्तराखंड उत्तरकाशीArnold Dix reached Baba Boukhnag temple

बाबा बौखनाग को धन्यवाद देने बौखनाग टॉप पहुंचे अर्नाल्ड डिक्स, पौराणिक मंदिर में नवाया शीश

रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद अर्नाल्ड डिक्स सिलक्यारा से 25 किमी दूर बौखनाग टॉप पहुंचे और पौराणिक मंदिर में पूजा-अर्चना की।

Arnold Dix Baba Baukhnag: Arnold Dix reached Baba Boukhnag temple
Image: Arnold Dix reached Baba Boukhnag temple (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन तक चले रेस्क्यू के दौरान टनल विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने हर किसी का ध्यान खींचा।

Arnold Dix reached Baba Boukhnag temple

इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नाल्ड डिक्स के नेतृत्व में बचाव अभियान तेजी से आगे बढ़ा, और 17 दिन बाद सभी श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया। सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद से स्थानीय बौखनाग देवता का मंदिर बनाने को लेकर चर्चाएं हो रही थीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बौखनाग देवता के मंदिर में मत्था टेका और अभियान की सफलता की कामना की। सिलक्यारा रेस्क्यू के पूरा होने के बाद जहां सिलक्यारा में अब सन्नाटा पसरा है, वहीं 41 लोगों की जान बच जाने के बाद अर्नाल्ड डिक्स बौखनाग देवता के मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे। बुधवार को अर्नाल्ड सिलक्यारा से 25 किमी दूर बौखनाग टाप पहुंचे और बौखनाग देवता के पौराणिक मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने स्थानीय लोगों और एसडीआरएफ जवानों के साथ गढ़वाली भक्ति गीत पर नृत्य भी किया।

ये भी पढ़ें:

अर्नाल्ड ने कहा कि पहाड़ के देवता बौखनाग के साथ मेरा एक समझौता था। अब जबकि उन्होंने श्रमिकों को सुरक्षित बाहर लाकर उसे पूरा किया है, मैं उनका आभार जताने आया हूं। दरअसल अर्नाल्ड जब सिलक्यारा पहुंचे थे, तब रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई तरह की बाधाएं सामने आ रही थीं। अर्नाल्ड ने रेस्क्यू की सफलता के लिए बौखनाग देवता से मनौती मांगी थी। वो सुरंग में जाने से पहले बौखनाग देवता के मंदिर में मत्था टेकते थे। 28 नवबंर को अभियान के पूरा होने के बाद 29 नवंबर को अर्नाल्ड पहले सुरंग के पास स्थित मंदिर पहुंचे और फिर ग्रामीणों के साथ बौखनाग टॉप पहुंचे। बता दें कि सिलक्यारा के आसपास के क्षेत्र को बौखनाग देवता की भूमि कहा जाता है। सुरंग निर्माण से पहले यहां पर देवता का मंदिर स्थापित करने की मांग की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही वजह है कि सिलक्यारा सुरंग हादसे को ग्रामीण बौखनाग देवता का कोप बताने लगे। अब सिलक्यारा रेस्क्यू पूरा होने के बाद कंपनी ने सिलक्यारा सुरंग के पास भव्य मंदिर बनाने का भी आश्वासन दिया है।