उत्तराखंड Electric train to run between rishikesh karanprayag rail network

उत्तराखंड के चार धाम रेल नेटवर्क पर बड़ा फैसला, रेलमंत्री ने दी 5 शानदार सौगात!

उत्तराखंड के चार धाम रेल नेटवर्क को दुनिया का आकर्षक रेल नेटवर्क बनाने की पूरी तैयारी है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में 5 अच्छी खबरें दी हैं।

Chardham yatra: Electric train to run between rishikesh karanprayag rail network
Image: Electric train to run between rishikesh karanprayag rail network (Source: Social Media)

: इस वक्त उत्तराखंड के चार धाम रेल नेटवर्क पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं। वास्तव में अगर चार धामों तक पहुंचने के लिए उत्तराखंड में पहली बार कोई हाईटेक रेल नेटवर्क बनाया जा रहा है, तो इस पर सभी की नज़रें होंगी। ऐसे में ये रेल नेटवर्क दुनियाभर के लिए आकर्षण का केंद्र बने और इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना बने...इस पर केंद्र सरकार की खासतौर से निगाहें हैं। दरअसल केंद्र सरकार इसे महज़ एक साधारण रेल नेटवर्क नहीं बल्कि रोमांच और खूबसूरती का सफर बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 5 बड़ी बातें बताई हैं। सबसे पहले इस रेल नेटवर्क में पर्यावरण को देखते हुए धुएं का जरा भी इस्तेमाल नहीं होगा। केदारनाथ और बदरीनाथ को जोड़ने वाले रेल नेटवर्क में 100 फीसदी इलैक्ट्रिक ट्रेन चलेगी। रेल मंत्री का कहना है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस हाईटेक रेल नेटवर्क को तैयार किया जाएगा।

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इसके अलावा तीन और अच्छी खबरें ये हैं कि गंगोत्री और यमुनोत्री को मोनोरेल, फ्यूनीकुलर और रोपवे से जोड़ा जाएगा। वजह ये है कि रेल नेटवर्क को विदेशों की तर्ज पर और भी ज्यादा आकर्षक बनाया जाए। इस तरह से और भी ज्यादा श्रद्धालु देवभूमि में आ सकें। रोपवे और मोनोरेल के बारे में तो आप जानते ही होंगे। शिमला-कालका के बीच मोनोरेल चलती है, जिससे हर साल राज्य को अच्छा-खासा मुनाफा होता है। फ्यूनीकुलर के लिए पटरियां ही बिछती हैं लेकिन ये ज्यादा ऊंचाई पर चलाने के लिए बेहद कारगर होता है। फिलहाल सरकार की नज़रें खासतौर पर ऋषिकेष-कर्णप्रयाग रेल नेटवर्क पर हैं। ये एक ऐसी चुनौती है, जिसे हर हाल में वक्त पर पूरा भी करना है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही बता चुके हैं कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल नेटवर्क 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा।

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एक और अच्छी खबर ये है कि रेल मंत्रालय ने 2020 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल नेटवर्क का पहला स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य बनाया है। इस वजह से इस रेल लाइन को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इस रेलवे लाइन को 18 सुरंग और 18 पुलों से होकर गुजारना है। कई नदियों को कई जंगलों के बीच से होकर गुजरने वाली इस रेल लाइन का सफर बेहद ही खूूबसूरत होगा। इस वजह से इस रेल नेटवर्क को पूरी तरह से इलैक्ट्रिक बनाने का फैसला लिया गया है। जहां तक चार धाम रेल परियोजना की बात करें तो ये 325 किमी लंबी होगी। परियोजना की लागत तकरीबन 44000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यात्रा में रोमांच होगा और ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इस तरफ आकर्षित होंगे। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड के लिए ये कुछ बेहतरीन खबरें हैं।