उत्तराखंड देहरादूनloot with business in dehradun

देहरादून: घंटाघर में दिन दहाड़े लूट, बदमाशों ने पुलिस की वर्दी पहनकर व्यापारी को लूटा

देहरादून से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है और इसी के साथ ही पुलिस के इकबाल पर भी सवाल उठने लगे हैं।

dehradun crime: loot with business in dehradun
Image: loot with business in dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: जब बदमाश ही पुलिस की वर्दी पहनकर लूट मचाने लगें, तो आम आदमी की सुरक्षा किसके भरोसे ? जब दिन-दहाड़े ही उत्तरांड की राजधानी देहरादून के सबसे व्यस्त इलाके में लूट मच जाए, तो सुरक्षा का भरोसा किस पर करें ? सवाल उठता है पुलिस के इकबाल पर और सुरक्षा के दावों पर। देहरादून में सबसे व्यस्त जगह मानी जाती है घंटाघर...उसी घंटाघर के पास लूट की वारदात को अंजाम दिया गया और हैरानी की बात तो ये है कि बदमाशों ने पुलिस की वर्दी पहनकर इस लूट की वारदात को अंजाम दिया है। एक वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक घंटाघर इलाके में एक व्यापारी से दिन-दहाड़े लाखों रुपये के गहने लूट लिए गए। बताया जा रहा है कि व्यापारी मेरठ का रहने वाला है। इस वारदात के बाद से पुलिस समेत आम लोगों के भी कान खड़े हो गए हैं। पूरी खबर विस्तार से पढ़िए।

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बताया जा रहा है कि मेरठ का एक व्यापारी देहरादून के घंटाघर इलाके में कुछ व्यापारियों को गहने दिखाने आया था। घंटाघर इलाके से जब वो 6-7 व्यापारियों को गहने दिखाकर लौट रहा था, तो इस दौरान पुलिस की वर्दी पहने हुए कुछ बदमाश उसके सामने आ धमके। उन्होंने चेकिंग की बात कही और इस बहाने लूट की वारदात को अंजाम दे दिया। बताया जा रहा है कि लूट की इस वारदात में कुल मिलाकर सात बदमाश मौजूद थे। घंटाघर में इलाहाबाद बैंक के पास इस लूट की वारदात को अंजाम दिया गया है। इस मामले में एएसआई कोतवाली अशोक राठौड़ से मीडिया ने बात की तो उन्होंने जवाब दिया है कि इस मामले में अभी जांच जारी है। सवाल ये भी तो उठता है कि आखिर ये नौबत आई ही कैसे ? सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस किस नींद में सोई थी कि उन्हें वर्दी पहने बदमाश तक नज़र नहीं आए ?

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घंटाघर को देहरादून का सबसे व्यस्त इलाका कहा जाता है और यहां हर वक्त पुलिस तैनात रहती है। ऐसे में 7 से 8 बदमाश पुलिस की वर्दी पहनकर इलाके में घूमते रहे और लूट की वारदात को अंजाम देकर फरार भी हो गए। पुलिस के हाथ इस मामले में खाली ही रह गए। व्यापारी तक पहुंचने, पूछताछ करने और लूट की वारदात को अंजाम देने में जितना भी वक्त लगा हो, उतने वक्त के भीतर पुलिस बेहद आसानी से बड़ी कार्रवाई कर सकती थी। अब सवाल ये भी है कि क्या वो सभी बदमाश पुलिस की गिरफ्त में होंगे ? क्या आम लोगों के दिल में पुलिस सुरक्षा की भावना जगा पाएगी ? क्या देहरादून को बदमाशों और ऐसे गुंड़ों से निजात मिल सकेगी ? सवाल तो कई और भी हैं लेकिन फिलहाल पुलिस से इतने ही जवाब चाहिए। देखते हैं क्या कारर्वाई होती है।